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UP सरकार के कर्मचारी सड़क पर उतरे, पेंशन व भत्ते खत्म करने के विरोध में हड़ताल की चेतावनी

उत्तर प्रदेश भर में सड़क पर उतरे कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर आवाज उठाई और सभी जिलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन भेजा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:21 AM (IST)
UP सरकार के कर्मचारी सड़क पर उतरे, पेंशन व भत्ते खत्म करने के विरोध में हड़ताल की चेतावनी
UP सरकार के कर्मचारी सड़क पर उतरे, पेंशन व भत्ते खत्म करने के विरोध में हड़ताल की चेतावनी

लखनऊ, जेएनएन। पुरानी पेंशन और भत्ते खत्म करने के विरोध में राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को प्रदेश भर में सड़क पर उतरे कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर आवाज उठाई और सभी जिलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन भेजा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कर्मचारी समस्याओं को लेकर जल्द बड़े आंदोलन के एलान का दावा किया है।

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वार्ता और समझौतों में तय मुद्दों पर सरकार के नकारात्मक रुख से नाराज राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों ने मंगलवार को राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देकर 11 सूत्रीय मांगों के निस्तारण को लेकर आवाज उठाई। लखनऊ के धरने में पीसीएस संघ के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह व विशिष्ट बीटीसी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी शामिल हुए, जबकि अन्य जिलों में भी परिषद के पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। परिषद अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कर अगले बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

कर्मचारी नेताओं ने सरकार के रवैये में सुधार न आने पर हड़ताल की भी चेतावनी दी है। धरने के दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने भत्ते समाप्त किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे नाराज कई घटक संगठन आंदोलन के लिए परिषद के संपर्क में हैैं। सभा को दिवाकर राय, अविनाश चंद्र श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र तिवारी, पवन सिंह, जितेंद्र कुमार, अमरजीत मिश्रा व रामफेर पांडेय सहित अन्य ने संबोधित किया। कर्मचारियों में इसे लेकर नाराजगी थी कि मौजूदा सरकार का आधा कार्यकाल गुजरने के बाद भी आश्वासनों से आगे बात नहीं बढ़ी है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

राज्य कर्मचारियों की प्रमुख मांगें पुरानी पेंशन व्यवस्था मूल रूप में बहाल करने, 50 की उम्र पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति में पारदर्शिता के साथ मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन किए जाने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा तत्काल शुरू कर शिक्षकों को भी इसका लाभ देने, केंद्र के समान भत्ते देने और वेतन समिति की रिपोर्ट लागू कर वेतन विसंगति दूर करने, पेंशनधारकों को सातवें वेतन आयोग का बकाया भुगतान नकद एकमुश्त करने, वार्षिक प्रविष्टि में अति उत्तम की बाध्यता समाप्त करने तथा फील्ड कर्मचारियों को मोटर साइकिल भत्ता देने सहित अन्य शामिल हैैं।


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