उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का निर्देश- न्यायालय परिसर की सुरक्षा में न हो चूक
उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत नई गाइडलाइन के तहत न्यायालयों में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत नई गाइडलाइन के तहत न्यायालयों में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि आठ जून से सूबे के सभी न्यायालयों के खुलने के बाद अब वहां चेकिंग के विशेष प्रबंध किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया है कि नई गाइडलाइन के अनुरूप विचाराधीन मामलों में गवाही, संवेदनशील मामलों की सुनवाई से संबंधित निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जाए।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि सभी एसएसपी व एसपी तत्काल जिला जज से समन्वय बनाकर कोर्ट परिसर में त्रुटिहीन सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करें। न्यायालय सुरक्षा के लिए आवंटित पुलिस बल का प्रयोग प्रभावी ढंग से हो। न्यायालय परिसर में प्रभावी चेकिंग की जाए, जिससे कहीं कोई अवैध शस्त्र लेकर प्रवेश न कर सके। प्रवेश द्वार सीमित संख्या में रखें जायें। न्यायालय के प्रवेश द्वारों पर पर्याप्त पुलिस बल लगाया जाय और समस्त आगंतुकों की चेकिंग की जाए। न्यायालयों में लगी एक्सरे मशीन,सीसीटीवी कैमरे, डीएफएमडी/एचएचएमडी व अन्य सुरक्षा उपकरण भी चेक कर लिए जाएं।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा है कि न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले समस्त स्टॉफ के लिये बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर जिला जज/ प्रशासनिक अधिकारी से समन्वय कर पहचान पत्र बनवा लिए जाए। न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के वाहनों तथा कार्यालय स्टाफ के वाहनों के अतिरिक्त अन्य किसी वाहन को न्यायालय परिसर में प्रवेश न दिया जाए। नई गाइडलाइन के अनुरूप विचाराधीन मामलों में गवाही, संवेदनशील मामलों की सुनवाई से संबंधित निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जाए। दमकल की भी व्यवस्था करा ली जाए।
बता दें कि करीब ढाई माह बाद सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रयागराज स्थित मुख्य पीठ और लखनऊ स्थित खंडपीठ में सोमवार से खुली अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है। खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई होने से कोर्ट वकील और लोग पहुंचने लगे हैं। अन्य जिला अदालतों में तो पहले से ही सुनवाई शुरू हो गई है। कोरोना महामारी के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन के कारण हाई कोर्ट में खुली अदालतों में सुनवाई रोक दी गई थी। वकीलों की मांग व वादकारियों की सहूलियत के लिए खुली अदालत में सुनवाई का निर्णय लिया गया है।