यूपीटीईटी पेपर लीक कांड में बढ़ता जा रहा जांच का दायरा, कई बड़ों की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में किसी जिले में प्रश्नपत्र के लिफाफे की सील खुली मिलने की बात सामने नहीं आई है। कई बिंदुओं पर छानबीन जारी है। एसटीएफ की अलग-अलग यूनिट गहनता से छानबीन में जुटी हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रश्नपत्र छापने का ठेका लेने वाली दिल्ली की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की जांच के घेरे में कई बड़े भी आ गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय के निलंबन के बाद प्रश्नपत्र के मुद्रण के लिए कंपनी के चयन में लापरवाही के सवाल भी उठ रहे हैं। रही अब तक की जांच में प्रिंटिंग के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक होने की बात सामने आई है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में किसी जिले में प्रश्नपत्र के लिफाफे की सील खुली मिलने की बात सामने नहीं आई है। कई बिंदुओं पर छानबीन जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ की अलग-अलग यूनिट गहनता से छानबीन में जुटी हैं। दो दिनों की पड़ताल की दौरान एसटीएफ के हाथ प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग कराने वाली एजेंसी तक पहुंचे और अब उसके निशाने पर कई और आरोपित हैं। प्रश्नपत्र लीक होने के बाद कई हाथों में पहुंचने और अलग-अलग स्तर पर उसे बेचने का काम किए जाने के तथ्य सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि एसटीएफ अब तक पकड़े गए सभी आरोपितों के आपसी कनेक्शन की भी गहनता से छानबीन कर रही है।
बागपत में पकड़े गए राहुल चौधरी ने पूछताछ में एसटीएफ अधिकारियों के सामने उसे परीक्षा से एक दिन पूर्व पेपर हासिल होने की बात स्वीकार की है। राहुल ने अपने साथी रवि उर्फ बंटी, फिरोज व बलराम राठी के नाम उगले हैं। एसटीएफ उसके तीनों साथियों की भी तलाश कर रही है। ताकि यह पता लगा कि सके कि इस गिरोह को प्रश्नपत्र किससे हासिल हुआ था। राहुल ने इन दिनों चल रही दारोगा भर्ती परीक्षा में भी धांधली करने का प्रयास करने की बात भी स्वीकार की है।
ऐसे ही प्रयागराज, लखनऊ व अन्य जिलों में पकड़े गए कई आरोपितों के पास भी प्रश्नपत्र हासिल हुए थे। जिनके कई साथी भी अब तक फरार हैं। दूसरी ओर इस परीक्षा में सेंधमारी के लिए कई साल्वर गिरोह भी सक्रिय थे। एसटीएफ ऐसे करीब 12 से अधिक साल्वर गिरोह की छानबीन कर रही है। खासकर बिहार से साल्वर उपलब्ध कराने वाले गिरोह उसके रडार पर हैं।
सूत्रों का कहना है कि बिहार का गिरोह परीक्षा तिथि से करीब दो सप्ताह पूर्व ही सक्रिय हो गया था और कई साल्वर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजे गए थे। एसटीएफ जल्द कई और आरोपितों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश खुद अलग-अलग स्तर व बिंदुओं पर चल रही छानबीन की मानीटरिंग कर रहे हैं। एडीजी ने अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर अधीनस्थों को कई कड़े निर्देश भी दिए हैं।
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