यूपी विधानमंडल बजट सत्र : नए कृषि कानूनों को लेकर दोनों सदनों में हंगामा, सपा व कांग्रेस ने किया बहिर्गमन
नए कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को दोनों सदनों विधान सभा और विधान परिषद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। आंदोलन कर रहे किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा को किसान विरोधी भी करार दिया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नए कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को दोनों सदनों विधान सभा और विधान परिषद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। आंदोलन कर रहे किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए भाजपा को किसान विरोधी भी करार दिया। किसानों के मुद्दे पर चर्चा न कराने के विरोध में सपा व कांग्रेस ने बहिर्गमन किया।
विधान सभा में कार्यवाही रोककर किसानों के आंदोलन पर चर्चा कराने की मांग करते हुए नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने भाजपा को घेरा। आंदोलनकारी किसानों के निधन पर सदन में शोक प्रस्ताव पारित न करने पर एतराज भी दर्ज कराया। चौधरी का कहना था कि नए कानून किसानों की मृत्यु के समान हैं। पिछले तीन माह से देश का किसान आंदोलित है और सड़कों पर बैठा है तो फिर सरकार जिद पर क्यों अड़ी है। उन्होंने कहा कि करीब 200 किसानों की मौत इस दौरान हो चुकी है, जिसमें प्रदेश के भी दो किसान शामिल हैं। इन दोनों किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।
रामगोविंद चौधरी ने आंदोलनकारी किसानों पर भाजपा विधायक समर्थकों द्वारा हमला करने की बात कही तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। बसपा के लालजी वर्मा ने गन्ना किसानों का भुगतान न होने और गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाने पर रोष व्यक्त किया। कांग्रेस के नरेश सैनी का कहना था कि बिजली, डीजल व खाद की कीमतों में वृद्धि होने के बावजूद गन्ना मूल्य न बढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उठे तो सपा व कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।
उधर, विधान परिषद में भी कृषि कानूनों का मुद्दा गर्माया रहा। विपक्ष ने काला कानून बताते हुए इन्हें वापस लेने की मांग की। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा व कांग्रेस ने वाकआउट किया। सपा के शंशाक यादव ने तीन नए कानून वापस लेने व एमएसपी गारंटी कानून बनाने का मुद्दा उठाया। सपा के आनंद भदौरिया ने आंदोलन में मृत किसानों के स्वजन को एक-एक करोड़ रुपये देने की मांग की। वहीं नरेश उत्तम पटेल का कहना था कि किसानों पर लगाए गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं। कांग्रेस के दीपक सिंह ने कहा कि किसान विरोध कर रहे है तो नए कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। सरकार की ओर से कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और अरविंद कुमार शर्मा ने कानूनों के बारे में विस्तार से बताया लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ।