UPPSC Recruitment: यूपी पीसीएस 2019 और 2020 का कटआफ जारी, पदवार अंक वेबसाइट पर करें चेक
UPPSC Recruitment यूपीपीएससी ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीएसीएस) 2019 और 2020 से संबंधित सभी अभ्यर्थियों का कटआफ अंक शनिवार को अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। यह कटआफ 23 जुलाई तक आयोग की वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर उपलब्ध रहेगा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीएसीएस) 2019 और 2020 से संबंधित सभी अभ्यर्थियों का कटआफ अंक अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। यह कटआफ 23 जुलाई तक आयोग की वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर उपलब्ध रहेगा। प्राप्तांक को वेबसाइट पर क्लिक करने पर प्रदर्शित प्रोफार्मा भरने के साथ मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी डालकर देखा जा सकेगा। जिन अभ्यर्थियों को मोबाइल नंबर बदल जाने या किसी अन्य वजह से ओटीपी नहीं प्राप्त हो रही है, उनके लिए मोबाइल नंबर बदलने का अवसर आयोग ने उपलब्ध कराया है।
पीसीएस 2019 और 2020 की परीक्षा में सम्मिलित प्रतियोगी कटआफ जारी करने की मांग काफी समय से कर रहे थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2019 का अंतिम परिणाम 17 फरवरी और 2020 का अंतिम परिणाम 12 अप्रैल को घोषित किया था। इसके बाद कोरोना के चलते आयोग की भी गतिविधि थम गई थी। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य की ओर बढ़ने के साथ परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों को ओटीपी प्राप्त नहीं हो रही है, वह अपना मोबाइल नंबर बदलने के लिए प्रार्थना पत्र आयोग को दें। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए सुझाव दिया गया है कि वे अपना हस्ताक्षर युक्त प्रार्थना पत्र, जिसमें अनुक्रमांक, नाम, पिता का नाम, परिवॢतत मोबाइल नंबर एवं स्वप्रमाणित आइडी की छायाप्रति के साथ अनुभाग अधिकारी परीक्षा-3, लोक सेवा आयोग को डाक से भेज दें। उसके बाद मोबाइल नंबर बदलने का एसएमएस उनके नये नंबर पर प्राप्त होगा, जिससे वह अपना प्राप्तांक देख सकेंगे। साथ ही कहा गया है कि प्राप्तांकों अथवा पदवार श्रेणीवार कटआफ अंकों की सूचना प्राप्त करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रार्थना पत्र न भेजे जाएं।
प्री की मार्कशीट जारी न होने से प्रतियोगी असंतुष्ट : पीसीएस 2019 व 2020 के अभ्यर्थियों का प्राप्तांक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जरूर जारी कर दिया, लेकिन प्रतियोगी उससे संतुष्ट नहीं है। प्रारंभिक परीक्षा की मार्कशीट जारी नहीं की गई। स्केलिंग का भी कोई जिक्र नहीं है। प्रतियोगियों का आरोप है कि स्केलिंग का जिक्र न होने से अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों को फायदा हुआ है, जबकि हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों का चयन बड़े पदों पर कम हुआ है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा का अंक जारी नहीं किया। स्केलिंग न होने से हिंदी माध्यम समाप्ति की कगार पर है।
जारी अंकपत्र को देखकर स्पष्ट है कि परीक्षा में स्केलिंग नहीं की गई है। इसका खामियाजा मानविकी विषय के प्रतियोगियों को भुगतना पड़ा है। देख सकते हैं कि किस प्रकार साइंस के विषयों में अंक दिया गया गया है। वैकल्पिक विषय में 400 में 300 से अधिक अंक तक प्रदान कर के पीसीएस के ऊपर के पदों को अंग्रेजी माध्यम के साइंस के विद्यार्थियों को समर्पित कर दिया गया है, वहीं हिंदी माध्यम के मानविकी के विद्यार्थी वैकल्पिक विषय में लगभग 250 के आसपास ही रह गए। प्रतियोगी विनय पांडेय व राजेंद्र का कहना है कि आयोग ने प्राप्तांक जारी करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। प्रारंभिक परीक्षा का अंक जारी न होने से स्थिति का आकलन ठीक से नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर आयोग अध्यक्ष से मुलाकात की जाएगी।