UPPSC अध्यक्ष डॉ.प्रभात कुमार बोले - अब न्यूनतम समय में हुआ करेंगी भर्तियां
1985 बैच के आइएएस डा. प्रभात अपनी नई भूमिका को प्रतियोगियों के भविष्य से जोड़ते हैैं। वह कहते हैैं कि आयोग में अब साफ सुथरी छवि वाले ही रह पाएंगे।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। केंद्र और राज्य सरकार में अहम पद पर लंबे समय तक अपनी सेवा देने वाले डॉ. प्रभात कुमार ने आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल लिया है। डा. प्रभात कुमार अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
1985 बैच के आइएएस डा. प्रभात अपनी नई भूमिका को प्रतियोगियों के भविष्य से जोड़ते हैैं। वह कहते हैैं कि आयोग में अब साफ सुथरी छवि वाले ही रह पाएंगे। कोई व्यक्ति किसी भी पद पर रहा हो, लेकिन गड़बड़ी में दोषी मिला तो जेल जाएगा। राज्य सरकार से आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति संबंधी आदेश मिलने के बाद डा. प्रभात से राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल ने बात की
हाल के वर्षों में आयोग विवादों में रहा है। उसकी कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठते रहे हैैं?
- मेरे रहते अभ्यर्थियों को किसी तरह की फिक्र करने की जरूरत नहीं रहेगी। मेरे लिए उनका भविष्य सबसे पहले है। विवाद और कार्यप्रणाली पर सवाल तभी उठते हैैं जब कोई काम पारदर्शिता और निष्पक्षता से नहीं होता।
आयोग में हुई गड़बडिय़ों की जांच कराएंगे?
- निश्चित। जांच होगी और जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी, फिर वह चाहे आयोग के सर्वोच्च पद पर बैठने वाला व्यक्ति ही क्यों न रहा हो। गड़बड़ी करनेवाले जेल जाएंगे।
कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही है?
- अधिकारियों-कर्मचारियों में जिनकी भूमिका जरा भी संदिग्ध मिलेगी, उनकी स्क्रीनिंग करके आयोग से छुट्ट की जाएगी। साफ-सुथरी छवि वाले ही अब आयोग में रह सकेंगे। मैैं तो कहता हूं कि कहीं भी सरकारी सेवा में रहने वाले पूरी निष्ठा से नौकरी करें, नहीं तो इस्तीफा दे दें।
भर्ती प्रक्रिया में बहुत समय लग रहा है?
- आइएएस के लिए चयन प्रक्रिया में अधिकतम सवा साल लगता है। मेरा साफ मानना है कि इससे कम ही समय किसी भी पद पर भर्ती की प्रक्रिया में लगना चाहिए। अब आयोग न्यूनतम समय में भर्ती की प्रक्रिया पूरा करेगा। जिन पदों के लिए कम अभ्यर्थी होते हैैं उनकी ऑनलाइन परीक्षा कराने पर भी विचार करेेंगे।
भर्तियों में समय लगने से विभागों में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैैं?
- बिल्कुल, भर्तियों में समय लगने से जहां अभ्यर्थी परेशान रहते हैैं वहीं विभागों के पद न भरने से सरकारी कामकाज भी प्रभावित होता है। सरकार भी चाहती है कि जल्द रिक्त पदों को भरा जाए। आयोग में विभिन्न पदों के लिए विभागों के जो भी अधियाचन पड़े हैैं, उन पर तेजी से कार्यवाही होगी।
राजपत्रित अफसरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के बड़ी संख्या में मामले लंबित हैैं?
- जी, मुझे भी ऐसी जानकारी मिली है कि राजपत्रित अफसरों में पीसीएस से लेकर इंजीनियर तक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए सहमति देने संबंधी बड़ी संख्या में मामले जानबूझकर आयोग में दबे हुए हैैं। ऐसे सभी मामलों की विभागवार सूची बनाकर उन्हें एक माह में ही निस्तारित करने की कोशिश रहेगी।
आइएएस टॉपर और एमबीबीएस में गोल्ड मेडलिस्ट
आइएएस टॉपर डा. प्रभात कुमार एमबीबीएस में भी गोल्ड मेडलिस्ट हैैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया से एमबीए और दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में एलएलबी भी कर रखा है। इंडियन लॉ इंस्ट्रीट्यूट से इन्वायरमेंटल लॉ एंड मैनेजमेंट के पीजी डिप्लोमा में भी डा. कुमार गोल्ड मेडलिस्ट हैैं। भारतीय राजस्व सेवा से डा. कुमार की पत्नी हिमालनी कुमार वर्तमान में नई दिल्ली स्थित इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर (सेंट्रल जोन) हैैं। डा. कुमार इसी वर्ष 30 अप्रैल को कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत हुए हैैं। वह गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति, दिल्ली में रेजीडेंट कमिश्नर, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव व महानिदेशक समेत समेत राज्य सरकार में डीएम-कमिश्नर व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैैं।