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Uttar Pradesh Weather News: गर्मी से फ‍िलहाल राहत नहीं, एक हफ्ते बाद झमाझम बारिश की संभावना

Uttar Pradesh Weather News मौसम साफ है जिसका फायदा उठाकर किसान उड़द अरहर मक्का आदि की तेजी से बुवाई में जुटे हैं। वहीं कद्दू लौकी लोबिया बीन्स जैसी सब्जियां बोने के लिए भी यह समय बहुत उपयुक्त है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 07:14 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 03:51 PM (IST)
Uttar Pradesh Weather News: गर्मी से फ‍िलहाल राहत नहीं, एक हफ्ते बाद झमाझम बारिश की संभावना
छह-सात जुलाई से मानसूनी गतिविधियां फिर से बढऩे की है उम्मीद।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजधानी सहित प्रदेश में इन दिनों मानसूनी बादल गायब है। भीषण गर्मी के बीच छिटपुट बादल आते भी हैं तो बगैर बरसे ही निकल जाते हैं तो कहीं कुछ बौछारें ही पड़ती हैं। एक हफ्ते फिलहाल झमाझम बारिश की संभावना कम है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार छह-सात जुलाई से मानसूनी गतिविधियां फिर बढऩे की उम्मीद है। हालांकि खेती के लिए यह समय बेहद अनुकूल बताया जा रहा है। मौसम साफ है जिसका फायदा उठाकर किसान उड़द अरहर मक्का आदि की तेजी से बुवाई में जुटे हैं। वहीं कद्दू, लौकी, लोबिया, बीन्स जैसी सब्जियां बोने के लिए भी यह समय उपयुक्त है।

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मंगलवार को सुबह से ही चटक धूप थी। इसके चलते लोग उमस भरी गर्मी से हलकान रहे। आलम यह था कि न तो सुबह चैन मिला और न रात में ही राहत मिली। बादल उमड़ते दिखाई तो देते हैं लेकिन छिटपुट बरस कर या फिर बंूदाबांदी कर निकल जाते हैं। राजधानी में मंगलवार को 4.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। स्काईमेट वेदर एजेंसी के महेश पालावत बताते हैं कि पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। मौसम खुला होने के कारण हवाएं गर्म महसूस हो रही हैं। उन्होंने बताया कि छह-सात जुलाई से फिर मानसून सक्रिय होगा और प्रदेश में बारिश होगी। दो दिन बाद तराई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। मंगलवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य के करीब था। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वायुमंडल में 92 प्रतिशत आद्र्रता दर्ज की गई। उमस भरी गर्मी के यह तेवर फिलहाल अभी जारी रहने की उम्मीद है। दो जुलाई के बाद से तराई क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला शुरू होगा।

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ सीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि बारिश थमी है और मौसम साफ है। यह समय खेती के लिए बेहद अनुकूल है क्योंकि लगातार बारिश से दलहन फसलें जैसे उड़द, अरहर और मक्का आदि की बुवाई में दिक्कत आती है। ऐसे में किसानों के पास यह समय है जब वह इनकी बुवाई कर सकते हैं। वहीं बारिश के दौरान बोई जाने वाली सब्जियां जैसे कद्दू, लौकी, बींस, तुरई आदि लता वाली सब्जियों की बुवाई भी की जा रही है। साथ ही सितंबर में गोभी की अगेती फसल लेने के लिए भी किसान नर्सरी लगा रहे हैं। यदि लगातार बारिश होती रहे तो बुवाई मुश्किल हो जाती है।


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