भाकियू के आंदोलन के ऐलान से सक्रिय गन्ना विभाग, किसानों के बकायेदार 104 चीनी मिलों को नोटिस
यूपी के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान जल्द से जल्द कराने के प्रयास जारी हैैं। लापरवाह मिलों पर कार्रवाई की जा रही है। गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के लिए 104 मिलों को नोटिस जारी किए गए हैैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में गन्ना समर्थन मूल्य घोषित न होने और किसानों बकाया भुगतान शीघ्र कराने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राजभवन घेराव की एलान करने पर सक्रिय हुए गन्ना विभाग ने बकायेदार 104 चीनी मिलों को नोटिस जारी किया है। इसके साथ गत दिनों में 3,814 करोड़ रुपये का भुगतान भी कराया गया है।
यूपी के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि किसानों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान जल्द से जल्द कराने के प्रयास जारी हैैं। लापरवाह मिलों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 45 चीनी मिलों तथा वर्ष 2020-21 के गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के लिए 104 मिलों को नोटिस जारी किए गए हैैं। मिलों पर बनाए जा रहे दबाव के चलते गत दिनों में 3,814 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल से कम मंजूर नहीं : भारतीय किसान यूनियन उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह ने आरोप लगाया कि गन्ना समर्थन मूल्य की घोषणा नहीं करने से किसानों में भारी मायूसी है। उन्होंने 450 रुपये प्रति क्विंटल से कम गन्ना मूल्य स्वीकार नहीं किए जाने की बात दोहराते हुए घेराव आंदोलन की बात कही। प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बताया कि भाकियू कार्यकर्ता बुधवार को कृषि बिलों की प्रतियां दहन करेंगे।
भाकियू कार्यकर्ता 23 जनवरी को घेरेंगे राजभवन : भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 23 जनवरी को लखनऊ में राजभवन का घेराव करने की घोषणा की है। गन्ना समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित न होने तक किसानोंं से अपने ट्रेक्टरों पर काला झंडा लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने गन्ना समर्थन मूल्य घोषित न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गन्ना मूल्य घोषित कराने की मांग को लेकर किसान अपने ट्रेक्टर आदि पर काला झंडा लगाकर तौल केंद्रों तक जाएंगे। यह अभियान गन्ना मूल्य घोषित होने तक जारी रहेगा।