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जालसाजों पर कसा UP एसटीएफ का शिकंजा, संतोष मिश्रा व हरिओम यादव गिरफ्तार

UP STF लखनऊ में पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के घोटाले में एसटीएफ ने एक और गिरफ्तारी की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 04:01 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 04:04 PM (IST)
जालसाजों पर कसा UP एसटीएफ का शिकंजा, संतोष मिश्रा व हरिओम यादव गिरफ्तार
जालसाजों पर कसा UP एसटीएफ का शिकंजा, संतोष मिश्रा व हरिओम यादव गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में सौ करोड़ से अधिक का घपला करने वालों पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ का शिंकजा लगातार कसता जा रहा है। प्रदेश में पशुपालन घोटाले में सात लोगों की गिरफ्तारी तथा दो आइपीएस अफसरों के निलंबन के बाद शनिवार को इसी घोटाले से जुड़ा जालसाज भी गिरफ्त में आ गया। इसी के साथ गरीबों को बड़ा लाभ दिलाने के एवज में उनके करोड़ों रुपया का वारा-न्यारा करने वाला हरिओम यादव उत्तर प्रदेश एसटीएफ की पकड़ में आ गया है।

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लखनऊ में पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के घोटाले में एसटीएफ ने एक और गिरफ्तारी की है। एसटीएफ ने खुद को पत्रकार बताने वाले संतोष मिश्रा को गिरफ्तार किया है। करोड़ों के टेंडर घपलेबाजी में अन्य शातिरों के साथ शामिल जालसाज संतोष मिश्रा फरार चल रहा था। यूपी एसटीएफ ने पत्रकार बनकर घोटाले में शामिल जालसाज संतोष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। संतोष मिश्रा खुद को न्यूज चैनल का पत्रकार बताता था। आशीष राय के साथ मिलकर संतोष मिश्रा ने पशुपालन विभाग के करोड़ों के टेंडर में हुई घपलेबाजी में बड़ी भूमिका निभाई थी।

अलास्का रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड का एमडी गिरफ्तार

अलास्का रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड, अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज के माध्यम से 60 प्रतिशत प्रतिवर्ष लाभ देने का प्रलोभन देकर सैकड़ों लोगों से करीब 60 करोड़ रूपये जमा करवाने के बाद उसको हड़पने वाले गिरोह के सरगना हरिओम यादव को आज एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया। हरिओम यादव पुत्र राम सिंह यादव निवासी ग्राम सकटू का पुरवा, सदरपुर करोरा, थाना गोसांईगंज, जिला लखनऊ के पास से एसटीएफ को गिरफ्तारी के समय तीन मोबाइल फोन, पांच चेकबुक, एक पास बुक, एक अदद आधार कार्ड, एक लैपटाप तथा 700 रुपया नकद मिला।

उसको एसटीएफ ने ग्राम चांदपुर सराय सुल्तानपुर रोड, थाना क्षेत्र गोसाईगंज से पकड़ा है। हरिओम यादव मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से जनता से करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना है। उसने करीब छह सौ से लोगों से करीब 60 करोड़ रूपया हड़पा है। उसके खिलाफ यहां के थाना गोसाईगंज में केस दर्ज है। इसके गैंग के नौ सदस्यों को पुलिस ने 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरगना हरिओम की तलाश थी। हरिओम यादव ने बताया गया कि 2000 मैने गोसाईगंज चैराहे पर मिठाई की दुकान खोली, परन्तु लाभ न होने के कारण बन्द हो गयी। जिसके पश्चात 2003 में सुपर पैथालाजी गोसांईगंज में 3500 प्रति माह की नौकरी कर ली। इसके बाद 2010 में आइसीआइसीआइ बैंक सिविल हास्पिटल लखनऊ में सेल्स एडवाइजर के पद पर ज्वाइंन किया। 2016 में नौकरी छोड़कर अथर्व इन्फ्रा रियल स्टेट कम्पनी व किसानों की जमीन को कमीशन पर बेचने का काम शुरू किया। 2018 में अलास्का रियल स्टेट प्रालि,अलास्का कमोडिटीज व अलास्का इंटर प्राइजेज के नाम से विभिन्न कम्पनियॉ बनाईं। कम्पनियों के आफिस गोसाईगंज लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई व एफजेडई दुबई में खोले। इन कम्पनियों में इनवेस्ट करने पर 60 प्रतिशत वाॢषक की दर से लाभ देने का प्रलोभन देकर इन कम्पनियों में लगभग 60 करोड़ रूपये जमा कराये। छह फरवरी को कृष्णानगर जनपद लखनऊ थाना अन्तर्गत मेरा 05 करोड़ रूपये (ब्लैक मनी) पकडा गया, जिस कारण मार्च 2019 में थाना कृष्णा नगर जनपद लखनऊ पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 40 दिन बाद जब मै जमानत पर छूट कर आया तो लोगों ने अपना रूपया वापस मांगा।

कम्पनी में इनवेस्ट करने वालों का औसत भी घटने लगा। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इनकम टैक्स (आयकर विभाग) आदि विभागों ने मेरी कम्पनियों/इनकम की जांच की। मैंने निवेशकों का रूपया वापस करना बंद कर दिया था, जिसके कारण महेश कुमार यादव ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया। महेश कुमार यादव ने 71.04 लाख रुपया मेरी कंपनी में निवेश किया है। सरफराज 60 लाख, मुशीर अहमद 45 लाख, अमित सिंह 35 लाख, बीबी सिंह 48 लाख, आरबी सिंह 22 लाख, मनोज वर्मा 13 लाख, राज कुमार सिंह 12 लाख, कन्हैया लाल 10 लाख, सुरेश शर्मा 10 लाख, बाबू राम नौ लाख आदि करीब 600 निवेशकों ने निवेश किया था।

हरिओम ने बताया कि मैं महीने में एक बार दुबई जाता था। निवेशकों को लगता था कि कम्पनी का व्यापार दुबई में चल रहा है और लाभ का रूपया कम्पनी उनको समय पर देती रहेगी। 60 प्रतिशत वाॢषक लाभ के प्रलोभन में आकर निवेशकों ने कम्पनी में भारी निवेश किया। हरिओम ने बताया कि मेरे साथ मुख्य रूप से ललित चौधरी, सुभाष चन्द्र यादव, शैलेन्द्र कश्यप, राकेश कुमार यादव, अवधेश कुमार मिश्रा, नन्द किशोर यादव, गजल देव सिंह, सुरेन्द्र कुमार यादव, रूपाली गुप्ता, ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव, आशीष वर्मा आदि शामिल थे। जब मेरा पांच करोड रूपया थाना कृष्णा नगर पुलिस ने पकड़ा था, तब पुलिस/प्रशासन को मैनेज करने के नाम पर संतोष मिश्रा कथित न्यूज चैनल के मालिक, (डायरेक्टर) को मैने 1.25 करोड रूपये दिया था। संतोष मिश्रा शासन व प्रशासन मे पत्रकारिता का रौब दिखाकर दलाली का काम करता था, यह पशुधन घोटाला करने वाले आशीष राय का भी शरणदाता था। 


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