यूपी एसटीएफ ने पांच साल में 628 आरोपित दबोचे, फिर भी नहीं टूट रहा साल्वर गिरोह का नेटवर्क
प्रदेश में बोर्ड एग्जाम से लेकर बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने के लिए नकल माफिया व साल्वर गिरोह के अलावा भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह लगातार सक्रिय रहे हैं। परीक्षा संचालित कराने वाली एजेंसियों की जरा सी लापरवाही पर साल्वर गिरोह की नजरें गड़ी रहती हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में बोर्ड एग्जाम से लेकर बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने के लिए नकल माफिया व साल्वर गिरोह के अलावा भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह लगातार सक्रिय रहे हैं। परीक्षा संचालित कराने वाली एजेंसियों की जरा सी लापरवाही पर साल्वर गिरोह की नजरें गड़ी रहती हैं। खासकर आनलाइन परीक्षाएं उनके खास निशाने पर होती हैं। इतना ही नहीं किसी परीक्षा में लाभ दिलाने व भर्ती का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह भी काफी सक्रिय रहे हैं।
ऐसे में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लगातार कड़ी कार्रवाई कर नकल माफिया व साल्वर गिरोह पर शिकंजा तो सका है, लेकिन उनके नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ा नहीं जा सका है। यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में भी एसटीएफ की सक्रियता एक बार फिर सामने आई है और अब पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़ी एक के बाद एक नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इस परीक्षा में बिहार के साल्वर गिरोह की बड़ी सक्रियता भी सामने आई है। जिसके बाद एसटीएफ बिहार निवासी सरगना राजन की तलाश में जुटी है। एसटीएफ ने पिछले पांच वर्षों में साल्वर गिरोह के जरिए परीक्षाओं में सेंध लगाने, परीक्षाओं में गड़बड़ी व भर्ती के नाम पर ठगी से जुड़े 120 से अधिक मामलों में कार्रवाई की है। इनके तहत अब तक 628 से अधिक आरोपित गिरफ्तार भी किए गए। वर्ष 2018 में दारोगा भर्ती व नलकूप चालक भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई की थी।
यूपीटईटी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ ने इस बार नजीर कार्रवाई की है। पेपर लीक कांड में शामिल परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव संजय उपाध्याय व प्रश्नपत्र छापने का वर्क आर्डर हासिल करने वाली कंपनी का संचालक राय अनूप प्रसाद समेत अन्य आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं और कई बड़ों की भूमिका की जांच चल रही है। इस वर्ष एसटीएफ की सक्रियता से परीक्षाओं में धांधली के प्रयास से जुड़े 23 मामलों में 96 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि कई की सरगर्मी से तलाश चल रही है। आंकड़े खुद गवाह हैं कि परीक्षा संचालित कराने वाली एजेंसियों व अन्य स्तर पर होने वाली गड़बड़ी के चलते लाखों अभ्यर्थियों को बेवजह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आनलाइन परीक्षाओं के संचालन में लगातार नियम सख्त तो किए जा रहे हैं लेकिन, आने वाली परीक्षाओं में भी सुरक्षा की चुनौती कम होती नजर नहीं आ रही।
ऐसे मामले आते रहे सामने
- अगस्त 2021 : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के सरगना समेत सात सदस्य गिरफ्तार।
- जनवरी 2021 : केंद्रीय शिक्षा पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में नकल कराने वाले गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार।
- अक्टूबर 2020 : प्रयागराज में राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक व सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संचालित आनलाइन परीक्षा में धांधली करने वाले सरगना समेत 14 आरोपित गिरफ्तार।
- जुलाई 2019 : सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर 150 से ज्यादा लोगों को ठगने वाला फर्जी जूनियर कमीशन अधिकारी आलोक कुमार गिरफ्तार।
- फरवरी 2019 : मथुरा में हाईस्कूल की परीक्षा में केंद्र के बाहर कापियां लिखवाने के मामले में प्रधानाचार्य समेत चार आरोपित गिरफ्तार।
- मार्च 2018 : राज्य विश्वविद्यालय की ग्रेजुएट स्तरीय परीक्षाओं में एसटीएफ ने सचल दस्ते के चार सदस्यों को रिश्वत लेते इलाहाबाद से पकड़ा।
- मार्च 2018 : उप्र पावर कारपोरेशन की आनलाइन परीक्षा में पेपर लीक व धांधली के मामले में 12 आरोपित पकड़े गए। पितों को पकड़ा।
- अगस्त 2017 : उप्र पुलिस की दारोगा भर्ती की आनलाइन परीक्षा का प्रश्नपत्र हैक करने वाले गिरोह के सात सदस्य गिरफ्तार।
- अक्टूबर 2017 : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आफलाइन भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रानिक उपकरणों का प्रयोग कर परीक्षा प्रभावित करने वाले दो आरोपित पकड़े गए।
- नवंबर 2017 : एसएससी की मल्टी टास्किंग स्टाफ परीक्षा में वाट्सएप के जरिए पेपर आउट कराने का आरोपित मुकेश कुमार आगरा से पकड़ा गया।