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RERA का हंटर लखनऊ के बिल्डरों पर बेअसर, करोड़ों का जुर्माने के बाद भी नहीं चेते; खरीददार बेबस

UP RERA Action फरवरी व मार्च में जुर्माना लगाने के बाद भी बहुत ज्यादा सुधार नहीं। खरीददार नामचीन बिल्डरों के आगे बेबस आरसी से उम्मीदें बरकरार। होम बायर्स और प्रोमोटर के बीच खींचातान। कई बिल्डरों से वसूली के लिए राजस्व विभाग तैयार।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 05:16 PM (IST)
RERA का हंटर लखनऊ के बिल्डरों पर बेअसर, करोड़ों का जुर्माने के बाद भी नहीं चेते; खरीददार बेबस
UP RERA Action : फरवरी व मार्च में जुर्माना लगाने के बाद भी बहुत ज्यादा सुधार नहीं।

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। UP RERA Action : उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की सख्ती के बाद भी बिल्डर यानी प्रोमोटर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। वर्ष 2021 में रेरा ने कई बिल्डरों पर हर माह होने वाली बैठक में जुर्माना लगाया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। इससे होम बायर्स (खरीददार) का मनोबल कमजोर हो रहा है। कारण प्रोमोटर में सुधार न होना। रेरा की 23 जनवरी 2021 को हुई बैठक में समय पर फ्लैटों पर कब्जा न देने पर पांच प्रोमोटरों पर 2.5 करोड़ का अर्थदंड लगाया। इसके बाद पांच फरवरी 2021 को बैठक हुई, इसमें 14 प्रोमोटरों पर 1.93 करोड़ का अर्थदंड लगा। इसके बाद 19 मार्च को 11 प्रोमोटर पर 1.24 करोड़ का फिर अर्थदंड लगाया गया, इनमें ऐसे तमाम बिल्डर थे, जिन पर इसी साल अर्थदंड लगाया जा चुका  था, लेकिन सुधार जो होना चाहिए था, नहीं हुआ। हालांकि इनमें से कई बिल्डरों से वसूली के लिए राजस्व विभाग ने अपना काम भी  शुरू कर दिया है।

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होम बायर्स और प्रोमोटर के बीच खींचातान दशकों से चली आ रही है, रेरा आने से होम बायर्स को जरूर फायदा हुआ है और प्रोमोटरों पर समय पर फ्लैट का कब्जा देने और बुकलेट में किए गए वायदे पूरे करने का दबाव बढ़ा है। रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि होम बायर्स के लिए रेरा है और रेरा हर कदम पर न्याय का साथ दे रहा है,  इसी का नतीजा  है कि हर माह होने वाली बैठकों पर प्रोमोटरों पर शिकंजा कसा है। 

23 जनवरी को जिन प्रोमोटरों पर अर्थदंड लगाया गया:

  • न्यू टेक प्रोमोटर एंड डेवलपर्स : 46 लाख
  • सुपरटेक लिमिटेड : 34 लाख
  • लखनऊ विकास प्राधिकरण : 57 लाख
  • तुलसियानी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड : 30 लाख
  • अंतरिक्ष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड : 27 लाख।

पांच फरवरी को प्रोमोटरों पर लगाया गया अर्थदंड:

  • मेसर्स पार्थ इन्फ्राबिल्ड प्रा.लि. : 35.77 लाख
  • रेडिकालन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग 23.26 लाख
  • आइवीआर प्राइम डेवलपर्स 19.14 लाख
  • लॉजिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर 10.74 लाख
  • हर्षा एसोसिएटस 15.25 लाख
  • पशर्वनाथ डेवलपर्स 10.39 लाख
  • ग्रीन बे इन्फ्रास्ट्रक्चर 6.23 लाख
  • ग्रीन व्यू सहकारी आवास समिति 14.59 लाख
  • क्वालिटी टाउनशिप 5.66 लाख
  • रूद्रा बिल्डवेल 11.64 लाख
  • बुलैंड बिल्डटेक 6.08 लाख
  • किंडल इन्फ्राहाइटस प्रा.लि. 9.41 लाख
  • जेएसएस बिल्डकॉन 17.54 लाख
  • सुपरटेक लिमिटेड 7.64 लाख
  • लखनऊ विकास प्राधिकरण 57 लाख
  • न्यूटेक प्रोमोटर एंड डेवलपर्स 46 लाख
  • तुलसियानी कंस्ट्रक्शन 30.19 लाख
  • अंतरिक्ष रियलटेक प्रा.लि. 27 लाख
  • रेडिकॉन इन्फ्रास्ट्रक्चर 23.26 लाख
  • आइवीआ प्राइम 19.14 लाख
  • जेएसएस बिल्डकॉन प्रा.लि. 17.54 लाख
  • पशर्वनाथ डेवलपर्स 16.44 लाख। 
  •  

19 मार्च को प्रोमोटरों पर लगाया गया अर्थदंड:

  • सुपरटेक लिमिटेड 32.10 लाख
  • महागुन इंडियान प्रा.लि.6.91 लाख
  • निवास प्रोमोटर्स प्रा.लि. 6.45 लाख
  • सारे सामग रियालटी 11.58 लाख
  • न्यूटेक प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स 5.87 लाख
  • टीजीबी रियालटी लिमिटेड 13.35 लाख
  • आइवीआर प्राइम डेवलपर्स प्रा.लि. 9.92 लाख
  • लां रेजीडेंसिया डेवलपर्स 5.38 लाख
  • लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.19.57 लाख
  • लाजिक्स सिटी डेवलपर्स प्रा.लि. 4.11 लाख। 

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