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यूपी लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव परीक्षा भी विवादों में

पत्र में हिंदी आशुलेखन और हिंदी टंकण की मेरिट पर भी सवाल खड़े किए गए हैैं। इसके साथ ही उन चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी दी गई है जो आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों के करीबी हैैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 07 Oct 2017 09:23 AM (IST)Updated: Sat, 07 Oct 2017 09:23 AM (IST)
यूपी लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव परीक्षा भी विवादों में
यूपी लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव परीक्षा भी विवादों में

लखनऊ (जेएनएन)। लोक सेवा आयोग की ओर से अभी हाल में घोषित अपर निजी सचिव परीक्षा-2010 के परिणाम पर भी उंगलियां उठने लगी हैैं। कुछ परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए पीएमओ को विस्तृत पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि सात साल बाद घोषित इस परीक्षा के परिणाम में अधिकारियों ने जमकर मनमानी की है और अपने चहेतों को लाभ दिया है।

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अपर निजी सचिव परीक्षा के लिए विज्ञापन 2010 में जारी हुआ था लेकिन उसके बाद यह भर्ती अटकी रही। तीन अक्टूबर, 17 को इसका परिणाम घोषित किया गया है। यह भी कहा गया है कि उक्त परीक्षा के लिए ट्रिपल सी यानी कंप्यूटर का ज्ञान होना जरूरी था लेकिन यह अर्हता न रखने वाले तीन सौ अभ्यर्थियों को भी रिजल्ट बनाते समय सूची में शामिल कर लिया गया। पत्र में हिंदी आशुलेखन और हिंदी टंकण की मेरिट पर भी सवाल खड़े किए गए हैैं। इसके साथ ही उन चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी दी गई है जो आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों के करीबी हैैं।


उल्लेखनीय है कि पिछले पांच साल में हुई आयोग की परीक्षाओं की सीबीआइ जांच का आदेश राज्य सरकार पहले ही दे चुकी है। हालांकि अभी सीबीआइ ने जांच की पहल नहीं की है, लेकिन यह परीक्षा भी जांच के दायरे में आनी तय है। अभ्यर्थियों का मानना है कि सीबीआइ जांच में पूरे तथ्य सामने आ जाएंगे।  


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