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अस्थायी बिजली कनेक्शन में गड़बड़ी पर यूपी पावर कारपोरेशन की कार्रवाई, नोएडा व ग्रेटर नोएडा से हटे 23 इंजीनियर

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यों के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन की आड़ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिलीं हैं। इसके लिए जिम्मेदार पाए गए तीन अधिशासी अभियंता आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पश्चिमांचल डिस्काम से हटाकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम स्थानांतरित किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 09:51 AM (IST)
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी बिजली कनेक्शन की आड़ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिलीं हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यों के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन की आड़ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिलीं हैं। इन गड़बड़ियों के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाए गए तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पश्चिमांचल डिस्काम से हटाकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम स्थानांतरित किया गया है। संबंधित सभी इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। जांच में दोषी पाए जाने वाले इंजीनियरों को निलंबित और उनकी सेवा समाप्ति तक की जाएगी।

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दरअसल, पावर कारपोरेशन प्रबंधन को लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी बिजली कनेक्शन के मामलों में तमाम तरह की अनियमितताएं बरती जा रही हैं। कुछ अभियंताओं की मिलीभगत से बिना मीटर, खराब मीटर, उपभोग से कम स्वीकृत लोड और भुगतान न होने पर भी अस्थायी कनेक्शन बरकरार रखकर डिस्काम को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं अस्थायी कनेक्शन देने में उपभोक्ताओं का शोषण भी किया जा रहा है।

इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने मध्यांचल डिस्काम के तत्कालीन मुख्य अभियंता (वर्तमान में लेसा के मुख्य अभियंता) अनिल कुमार तिवारी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति को पिछले दो वर्षों (वर्ष 2019 से) के दौरान निर्माण कार्यों के लिए ग्रेटर नोएडा और नोएडा के विद्युत वितरण खंड तीन व आठ में दिए गए अस्थायी कनेक्शन के सभी मामलों की आठ बिंदुओं पर विस्तृत जांच सौंपी गई।

कारपोरेशन के अध्यक्ष ने बताया कि समिति को जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलीं हैं। अनियमितताओं की गंभीरता को देखते हुए संबंधित क्षेत्र के तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पश्चिमांचल डिस्काम से हटाते हुए पूर्वांचल सहित दूसरे डिस्काम में स्थानांतरित किया गया है। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। देवराज ने बताया कि विभागीय जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन और सेवा समाप्ति जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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