यूपी पालीटेक्निक में पेपर सेट करने वालों का बढ़ सकता है मानदेय, प्राविधिक शिक्षा परिषद की बैठक में लिया जा सकता है निर्णय
कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित चल रही प्राविधिक शिक्षा परिषद की बैठक एक बार फिर गुरुवार को होने वाली है। परिषद की 58वीं बैठक से पहले ही कई सदस्यों के न शामिल होने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित चल रही प्राविधिक शिक्षा परिषद की बैठक एक बार फिर गुरुवार को होने वाली है। परिषद की 58वीं बैठक से पहले ही कई सदस्यों के न शामिल होने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार विशेष सदस्यों से लेकर कई एक प्रधानाचार्यों को बैठक में नहीं बुलाया गया है। वर्तमान में परिषद के करीब 40 सदस्य हैं। इसमें काफी पदेन सदस्य हैं। इसके अलावा चार विधायक और एक एमएलसी मनोनित किए जाते हैं। करीब एक दर्जन पद रिक्त हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के कार्यवाहक सचिव रामरतन और प्रधानाचार्य आरके सिंह समेत कई सदस्यों को नहीं बुलाया गया। उससे चेयरमैन काफी नाराज थे। साथ ही अन्य कई और ऐसे सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया है, जो चेयरमैन विद्या सागर गुप्ता के मनमाफिक फैसले में बाधक बन सकते हैं। परिषद के लोगों का मानना है कि कुछ सदस्यों को नहीं बुलाने के पीछे परिषद के सचिव सुनील कुमार सोनकर की भी सहमति है। हालांकि सुनील कुमार सोनकर का कहना है कि बैठक में किसे बुलाना है, इसका फैसला चेयरमैन का है। उनका अपना नहीं। वह तो वहीं कर रहे है जो चेयरमैन ने कहा है। जानकारों के अनुसार परीक्षा के पेपर बनाने के लिए दिए जाने वाले मानदेय में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर भी विचार होगा।
बैठक को लेकर उठाने लगे सवाल: परिषद की बैठक बुलाने का फैसला ऐसे समय किया गया, जब परीक्षा चल रही थी। जिससे इसके आयोजन को लेकर समय भी काफी कम मिला है। यहीं वजह है कि परिषद के कर्मचारियों को बैठक की तैयारी के लिए देर रात तक काम करना पड़ा है। इसको लेकर कर्मचारियों में रोष भी है। इसलिए शुरू से ही बैठक को लेकर सवाल उठाने लगे हैं? परिषद के लोगों का कहना है कि जब कोई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास नहीं होना है तो बैठक की इतनी जल्दबाजी क्यो है?