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UP Panchayat Chunav: चुनावी खर्च का नहीं दिया ब्योरा तो जमानत होगी जब्त, निर्वाचन आयोग ने दिए निर्देश

UP Panchayat Chunav राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च के संबंध में जिलाधिकारियों से कहा है कि निर्वाचन व्यय के अनुश्रवण के लिए उनकी अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की जाए। जिला कमेटी क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव खर्च पर नजर रखेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 12:25 PM (IST)
UP Panchayat Chunav: चुनावी खर्च का नहीं दिया ब्योरा तो जमानत होगी जब्त, निर्वाचन आयोग ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए मनमाना खर्च नहीं किया जा सकेगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए मनमाना खर्च नहीं किया जा सकेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनाव जितनी ही खर्च की सीमा रखने के साथ ही नामांकन और जमानत राशि की धनराशि में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की है। आयोग ने चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए जिलाधिकारियों (जिला निर्वाचन अधिकारी) को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। तय सीमा से अधिक खर्च पर जमानत जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

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पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च के संबंध में जिलाधिकारियों से कहा है कि निर्वाचन व्यय के अनुश्रवण के लिए उनकी अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की जाए। जिला कमेटी क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव खर्च पर नजर रखेगी। प्रधान पद के लिए तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी होगी। नामांकन दाखिल करने की तिथि से निर्वाचन की घोषणा तक प्रत्याशियों को प्रतिदिन के चुनाव खर्च का ब्योरा तय प्रारूप वाले लेखा रजिस्टर में लिखना होगा। ग्राम पंचायत सदस्य को छोड़ अन्य पदों के प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए अलग से बैंक में खाता भी खोलना होगा। चुनाव खत्म होने के तीन माह में प्रत्याशियों को लेखा रजिस्टर बाउचर सहित कमेटी को सौंपना होगा। जांच में अधिकतम खर्च की सीमा से ज्यादा खर्च पाए जाने पर संबंधित प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी।

10 हजार से चार लाख तक खर्च की सीमा : भले ही महंगाई बढ़ी हो लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पदों के लिए चुनावी खर्च की सीमा वर्ष 2015 के चुनाव जैसी ही रखी है। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए खर्च की सीमा 10 हजार रुपये, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 75 हजार, जिला पंचायत सदस्य के लिए 1.50 लाख, ब्लाक प्रमुख के लिए दो लाख, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चार लाख रुपये तक खर्च की सीमा रहेगी।

प्रधान पद के लिए नामांकन राशि 300 रुपये : ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन राशि जहां 150 रुपये होगी, वहीं प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 300, जिला पंचायत सदस्य के लिए 500, ब्लाक प्रमुख के लिए 800 और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 1500 रुपये रखी गई है। आरक्षित वर्ग के लिए नामांकन राशि आधी होगी।

500 से 10 हजार तक रहेगी जमानत : ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए जमानत राशि जहां 500 होगी, वहीं प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए दो हजार, जिला पंचायत सदस्य के लिए चार हजार, ब्लाक प्रमुख के लिए पांच हजार और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 10 हजार रुपये रखी गई है। आरक्षित वर्ग के लिए जमानत राशि 50 फीसद होगी। उल्लेखनीय है कि चुनाव में कुल पड़े वैध मतों का 1/5 से कम मत मिलने पर संबंधित प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त करने की व्यवस्था है।

सहकारी समिति के पदाधिकारी न लड़ सकेंगे चुनाव : किसी भी सहकारी समिति में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के पद पर आसीन व्यक्ति ग्राम पंचायत या न्याय पंचायत सदस्य का चुनाव नहीं लड़ सकते। अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1947 की संबंधित धारा का उल्लेख करते हुए इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां सभी विकासखंडों के तहत आने वाली समितियों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के नाम-पते की सूची खंड विकास अधिकारियों और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को उपलब्ध करा दें। ये सूचियां सदस्य ग्राम पंचायत और प्रधान ग्राम पंचायत के नाम निर्देशन के समय उनके पास उपलब्ध रहें।

चुनाव से पहले बनेगी बकायेदारों की सूची : राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के बकायेदारों की सूची जिला पंचायत अधिकारी, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और मुख्य अधिकारी से तैयार कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि नामांकन पत्र प्राप्त करने के लिए निर्धारित स्थान पर यह सूची उपलब्ध करा दी जाए। इससे निर्वाचन अधिकारियों व सहायक निर्वाचन अधिकारियों को ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच करने में आसानी होगी। आयोग ने कहा है कि बकायेदारों द्वारा बकाया भुगतान करने के बाद ही अदेयता प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था करें।


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