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Lucknow Metro : चाइनीज मांझा से आए दिन हो रहे नुकसान को लेकर UP मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दर्ज कराई FIR

Lucknow Metro अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ महानगर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआइआर। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के निदेशक सुशील कुमार के मुताबिक चाइनीज मांझा से 25 हजार वोल्ट की ओवर हेड लाइन सिस्टम को नुकसान पहुंचता हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 08:16 AM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 11:28 AM (IST)
Lucknow Metro : अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ महानगर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआइआर।

लखनऊ, जेएनएन। Lucknow Metro : उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने चाइनीज मांझा से आए दिन हो रहे नुकसान को देखते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ महानगर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के निदेशक सुशील कुमार का कहना है कि चाइनीज मांझा और अन्य धातु के तार से मेट्रो के ऊपर 25 हजार वोल्ट की ओवर हेड लाइन सिस्टम को नुकसान पहुंचता हैं। प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज तार व मांझे की बिक्री बदस्तूर जारी है। पतंग उड़ाने वाले अभी भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इन तारों के कारण मेट्रो सेवा बाधित होने की हालिया घटनाओं को देखते हुए रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है। 

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बता दें, चाइनीज मांझा के खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध है। लखनऊ मेट्रो ने वर्ष 2019 में पांच एफआइआर चाइनीज मांझे व तार को लेकर सिंगार नगर, मानक नगर व हुसैनगंज थाने में दर्ज करा चुका है।

मेट्रो के विद्युत शाखा अधि‍कारी बताते हैं कि मेट्रो के ऊपर जो 25 हजार वोल्ट की ओवर हेड लाइन में कोई भी धातु संपर्क में आते ही लाइन ट्रिप हो जाती है। इससे मेट्रो जहां होती है वहीं खड़ी हो जाती है। दोबारा लाइन शुरू करने में दस से पंद्रह मिनट लगते हैं। 

इन स्टेशनों पर चाइनीज मांझा व तार फंसता है ज्यादा 

नार्थ साउथ कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले सिंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग बस अड्डा, मवैया, दुर्गापुरी व चारबाग के बाद विश्वविद्यालय, आइटी, बादशाहनगर, लेखराज व इंदिरा नगर स्टेशन हैं।

 

चाइनीज तार व मांझा क्या करता है नुकसान

  • पतंग में बंधे मांझे व तार के साथ शॉर्ट सर्किट होता है और 25000 वोल्ट कैटेनरी तार टूट जाता है
  • मेट्रो के ऊपर लगा ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर यानी ओएचई के संपर्क में आने से पूरी लाइन ट्रिप हो जाती है
  • कभी-कभी ट्रेन की छत और चाइनीज तार व मांझे के बीच शॉर्ट सर्किट से मेट्रो की क्षत भी क्षतिग्रस्त हो जाती है
  • पतंग का तार व मांझा ट्रेन की छत पर लगाए गए एसी में फंसने से एसी सिस्टम के लिए नुकसानदायक
  • तार व मांझा मेट्रो के शुरुआती कोच के ऊपर लगे पैंटोग्राफ में उलझ जाते हैं, इससे भी मेट्रो खड़ी हो जाती है।
  • एक बार लाइन ट्रिप होने पर मेट्रो संचालन शुरू करने में पंद्रह मिनट लग जाता है।  

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