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UP Gur Festival: गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा बोले- महोत्सव से गुड़ कारोबार को लगेंगे पंख

UP Gur Festival दो दिवसीय कार्यक्रम संपन्न मांग अधिक होने से कम पड़ गया गुड़। लखनऊ को प्रथम गाजियाबाद-द्वितीय व बरेली को मिला तृतीय पुरस्कार। बिक्री स्टालों पर कम पड़ा गुड़ और बड़ी संख्या में मायूस लौटे लोग।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 11:17 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 08:11 AM (IST)
UP Gur Festival: गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा बोले- महोत्सव से गुड़ कारोबार को लगेंगे पंख
UP Gur Festival: लखनऊ को प्रथम, गाजियाबाद-द्वितीय व बरेली को मिला तृतीय पुरस्कार।

लखनऊ [ राज्य ब्यूरो]। गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि राज्य गुड़ महोत्सव से गुड़ कारोबार को पंख लगेंगे। गुड़ व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने में मदद मिलेगी। रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय महोत्सव के समापन समारोह में उन्होंने गुड़ उत्पादकों को पुरस्कार वितरित करने के साथ यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया। महोत्सव में गुड़ की मांग अत्याधिक होने के कारण बिक्री स्टालों पर गुड़ कम पड़ गया और बड़ी संख्या में लोगों को मायूस लौटना पड़ा।

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गन्ना मंत्री राणा ने किसानों और खांडसारी उद्योग के हित में लिए सकारात्मक निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का गुड़ और सह उत्पाद नये ब्रांड बन रहे हैं। महोत्सव गुड़ कारोबारियों के लिए ही नहीं, गन्ना किसानों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा।

गुड़ निर्माण के मिले अग्रिम आर्डर : गुड़ उत्पादक व मशीनरी निर्माण से जुड़े कारोबारियों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए गए। गुड़ उत्पादन श्रेणी में लखनऊ की फर्म शिवन्या फूड्स(प्रभा शर्मा) को प्रथम, गाजियाबाद की फर्म हिमालयनी एग्रो(नीतू कौशिक) को द्वितीय तथा बरेली की क्रियेशन बायोटेक को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा वसुंधरा आर्गेनिक्स सीतापुर व जैगरी फाउन्डेशन अयोध्या को सांत्वना पुरस्कार मिला। गुड़ उत्पादन के लिए मशीनरी निर्माण करने वाली फर्म कैलाश ट्रेडर्स बाजपुर को भी पुरस्कृत किया गया। गन्ना किसान अरविंद कुमार स‍िंह का कहना था कि ऐसे महोत्सव विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाने से गुड़ व खांडसारी उद्योग समृद्ध होगा। इसका लाभ किसानों को भी होगा।

 

अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि गुड़ महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए कारोबारियों ने अपने स्टाल लगाए। पहले ही दिन 15 प्रतिशत गुड़ विक्रेताओं का शत-प्रतिशत, 25 प्रतिशत का 60 फीसद तथा 25 प्रतिशत का 50 फीसद गुड़ व सह उत्पादों बिक्री हो गई थी। इन्हें फिर से अपने जिलों से गुड़ मंगाने की आवश्यकता पड़ गई। आधा दर्जन से अधिक कारोबारियों को गुड़ निर्माण हेतु अग्रिम आर्डर भी प्राप्त हुए। 


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