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महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय, आत्मनिर्भर बनें: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

देश की प्रगति के लिए जरूरी है महिला सशक्तीकरण -‘भारतीय विचारधारा में महिला चिंतन’ विषय पर व्याख्यान। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को एहसास दिलाना होगा कि वे कितनी साहसी हैं। वे हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:04 AM (IST)
महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय, आत्मनिर्भर बनें: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र, पुणे के द्वारा आयोजित ‘भारतीय विचारधारा में महिला चिंतन’ व्याख्यान का राज्यपाल ने किया उद्घाटन।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय हैं। यह सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है। कन्या भ्रूण हत्या और दहेज हत्या जैसे मामले समाज के लिए चिंतनीय विषय हैं। हम सभी को महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठना होगा। महिला सशक्तीकरण देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। महिलाएं शक्तिशाली बनती हैं तो वे अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं। महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें और देश के विकास में अपना योगदान दें।

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राज्यपाल शनिवार को राजभवन में दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र, पुणे के द्वारा आयोजित ‘भारतीय विचारधारा में महिला चिंतन’ व्याख्यान माला का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन कर रही थीं। 

उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को एहसास दिलाना होगा कि वे कितनी साहसी हैं। वे हर क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। भारतीय समाज के विकास में अनेक विदुषी नारियों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। भारतीय संविधान में भी महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है। 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा, आंगनबाड़ी एवं उच्च शिक्षा में महिलाओं को विशेष स्थान दिया गया है। इस नीति में भारतीय विचारधारा का समावेश है तथा बालिका शिक्षा में आने वाली समस्याओं का भी ध्यान रखा गया है। आज हमें उन ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो किन्हीं परिस्थितियों में विकास की मुख्यधारा से वंचित रही हैं और अपने अधिकारों के बारे में जानती नहीं हैं। ऐसी महिलाओं को केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाए। इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े, दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केंद्र, पुणे की सचिव अंजली देशपाण्डे, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय छात्रा प्रमुख ममता यादव सहित कई अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े थे।


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