UP Cabinet Decision: बढ़ते खर्च से पार पाने को बाजार से अधिक कर्ज लेगी यूपी सरकार, कैबिनेट में मंजूरी
बढ़ते खर्च से पार पाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब बाजार से अधिक कर्ज ले सकेगी। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार जीएसडीपी के चार फीसद की अधिकतम सीमा तक कर्ज ले सकेगी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बढ़ते खर्च से पार पाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब बाजार से अधिक कर्ज ले सकेगी। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के चार फीसद की अधिकतम सीमा तक कर्ज ले सकेगी। वहीं 2022-23 से 2025-26 तक कर्ज लेने की अधिकतम सीमा जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत होगी।
कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवकता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम (यथा संशोधित), 2004 के तहत अभी तक सरकार के लिए कर्ज लेने की अधिकतम सीमा जीएसडीपी का तीन प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों को देखते हुए 15वें वित्त आयोग ने इस सीमा को बढ़ाने की सिफारिश की थी जिसे राज्य सरकार ने मानते हुए उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम (यथा संशोधित), 2004 में संशोधन करने का फैसला किया है।
अब दस लाख तक के बुक वैल्यू के जर्जर भवनों को गिराने का फैसला कर सकेंगे विभाग : सरकार ने तय किया है कि जिन जर्जर व निष्प्रयोज्य भवनों का अवमूल्यित मूल्य (बुक वैल्यू) दस लाख रुपये तक है, उनके ध्वस्तीकरण का निर्णय प्रशासकीय विभाग खुद ले सकेंगे। इससे अधिक बुक वैल्यू के जर्जर भवनों को गिराने के बारे में निर्णय लेने के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी। अभी तक प्रशासकीय विभाग दो लाख रुपये तक के बुक वैल्यू के निष्प्रयोज्य भवनों को गिराने का फैसला कर सकते थे। दो लाख रुपये से अधिक बुक वैल्यू के जर्जर भवनों को गिराने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ती थी। इसके लिए कैबिनेट ने वित्तीय नियम संग्रह खंड-1 में दिये गए वित्तीय अधिकारों में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
सदन में रखेंगे सीएजी की रिपोर्ट : राज्य सरकार 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के उपक्रमों और जनरल व सोशल सेक्टर के बारे में दी गई रिपोर्ट को विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करेगी।