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आधार कार्ड से जुड़ेगी आपकी शहरी संपत्ति, रुकेगा फर्जीवाड़ा Lucknow news

अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना लागू करने की तैयारी। लखनऊ समेत सात शहरों में पहले चरण में लागू होगी योजना।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:57 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 01:43 PM (IST)
आधार कार्ड से जुड़ेगी आपकी शहरी संपत्ति, रुकेगा फर्जीवाड़ा Lucknow news
आधार कार्ड से जुड़ेगी आपकी शहरी संपत्ति, रुकेगा फर्जीवाड़ा Lucknow news

लखनऊ, (अजय श्रीवास्तव)। मालिकाना हक का विवाद खत्म करने और आपकी सभी शहरी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। कर्नाटक की तर्ज पर प्रदेश में भी अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना (यूपीओआर) लागू कर रही है, जिसकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। इसके तहत आपकी संपत्ति आधार कार्ड से लिंक हो जाएगी। इससे संपत्तियों के नामांतरण में होने वाला फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा। साथ ही नगर निगमों को कर वसूली में मदद मिलेगी।

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बड़े शहरों में संपत्तियों के मालिकाना हक का पुख्ता लेखा-जोखा खासतौर से नगर निगमों के पास नहीं है। संपत्तियों को लेकर विवाद भी रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक सलाहकार केवी राजू की पहल पर अर्बन प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड योजना लागू करने की कवायद चल रही है। बीते दिनों केवी राजू की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में की सुझावों पर चर्चा भी हो चुकी है।

यह योजना लखनऊ के अलावा कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ और प्रयागराज में प्रथम चरण में लागू होगी। इन शहरों में योजना लागू करने के लिए सरकार ने ई-टेंडरिंग से प्रस्ताव भी मांगे थे। केवी राजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई कंपनियों के प्रतिनिधियों की तरफ से सुझाव भी आए। कर्नाटक सरकार डिपार्टमेंट ऑफ सर्वे एवं सेटेल्मेंट के कंसल्टेंट केवी रुद्रेश ने बताया कि कर्नाटक के अधिकांश शहरी और ग्रामीण इलाकों में इस योजना को लागू किया जा चुका है। चूंकि, योजना बेहद चुनौतीपूर्ण है इसलिए उप्र में इसे लागू करने में कुछ समय लग सकता है।

सर्वे ऑफ इंडिया से तकनीकि सहायता ली जाएगी। कई विभागों में समन्वय के लिए राज्य सरकार के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी गठित होगी, जिसमें निबंधन विभाग, नगर एवं ग्राम नियोजन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।

ऐसे जुड़ेगी संपत्ति

शहरी क्षेत्र की संपत्तियों की आइडी का निर्माण कर उसे बायोमीटिक और आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। संपत्ति का डिजीटल डोर नंबर का निर्माण किया जाएगा। उसके जरिये सारा रिकॉर्ड नगर निगमों के पास रहेगा।


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