यूपी सरकार का आदेश- सभी सरकारी स्कूल के बच्चों को मिलेगा बकाया मिड-डे मील का राशन व भत्ता
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के बच्चों का ख्याल रखते हुए उनके मिड-डे मील का बकाया राशन के वितरण का निर्णय लिया है। इसी के साथ ही अभिभावकों को कन्वर्जन कास्ट भी दी जाएगी। यूपी सरकार के फैसले के बाद सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण सभी स्कूल बंद हैं। इस कारण सरकारी स्कूलों में बनने वाली मिड-डे मील योजना भी प्रभावित हुई। योगी सरकार ने पिछले वर्ष तीसरी तिमाही तक तो छात्रों को मिड-डे मील सरकारी राशन दुकानों या स्कूलों तक पहुंचाया, लेकिन पिछले छह महीने से यह व्यवस्था प्रभावित हुई है। अब फिर से सरकार ने बच्चों का ख्याल रखते हुए उनके बकाया राशन के वितरण का निर्णय लिया है। इसी के साथ ही अभिभावकों को कन्वर्जन कास्ट भी दी जाएगी। यूपी सरकार के फैसले के बाद सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शतप्रतिशत विद्यार्थियों को जल्द ही लॉकडाउन अवधि का मिड डे मील भत्ता और अनाज मिलेगा। सभी जिलों में अभिभावकों को अनाज के लिए प्राधिकार पत्र सौंपने और इस प्रक्रिया को जल्द पूरा के निर्देश दिए गए हैं। मार्च के आखिरी हफ्ते में सितंबर 2020 से फरवरी 2021 तक के मिड-डे मील भत्ता का आदेश जारी किया गया था।
इस बीच कोरोना संक्रमण बढ़ने और पंचायत चुनाव के कारण कई जिलों में विद्यार्थियों तक ये नहीं पहुंचा था। कई जिलों में अभिभावकों के खाते में भत्ता तो पहुंचा, लेकिन अनाज नहीं पहुंचा था। अब कोटेदारों के यहां अनाज पहुंच गया है लिहाजा इस पर सख्ती करते हुए बंटवाने के निर्देश दिए गए हैं। अभिभावकों को प्राधिकार पत्र लेकर कोटेदार के यहां जाना होगा, जिससे उनके बच्चे को आवंटित अनाज उन्हें मिल जाएगा।
प्राइमरी स्कूलों के कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को 685 रुपये और कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए 923 रुपये दिया जाएगा। जूनियर स्कूल के बच्चों को 124 दिन (एक सितंबर, 2020 से नौ फरवरी, 2021 तक) और प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों को 138 दिन का भत्ता (एक सितंबर 2020 से 28 फरवरी) दिया जा रहा है। इससे पहले सरकार मार्च से 31 अगस्त, 2020 तक दो चरणों में 76 व 49 दिनों का मिड डे मील भत्ता व अनाज दो चरणों में दे चुकी है। सरकार की कोशिश है कि बकाया राशन भी जल्द विद्यार्थियों के घर पहुंचाया जाए।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ बच्चों को इससे लाभान्वित किया जाएगा। एक अप्रैल से भारत सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय के लिए 4.97 रुपये प्रतिदिन और उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 7.45 रुपये प्रतिदिन स्वीकृत है। 24 मार्च से 30 जून तक रविवार व राजकीय अवकाश को छोड़कर कुल 78 दिन होते हैं। इस हिसाब से 78 दिनों के लिए परिवर्तन लागत देय है, जो आरटीजीएस के माध्यम से छात्रों के माता-पिता/अभिभावकों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्राइमरी स्कूल के बच्चे को 7.60 किलो और जूनियर बच्चों को 11.40 किलो राशन दिया जाएगा। यह राशन कोटेदार के माध्यम से दिया जाएगा। विद्यालय के प्रधानाचार्य प्राधिकार पत्र (वाउचर) जारी करेंगे, जिसमें स्कूल, छात्र-छात्रा का नाम, पंजीयन संख्या, कक्षा व खाद्यान्न की मात्रा अंकित होगी। मिड-डे मील में खाद्यान्न में गेहूं व चावल मिलता है। वहीं कन्वर्जेंस कॉस्ट दाल, सब्जी, मसाला, तेल, खाना पकाने के ईंधन आदि में खर्च होती है। मेन्यू में चार दिन चावल और दो दिन गेहूं से बने व्यंजन दिए जाते हैं।