UP सरकार का बड़ा फैसला: अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे मानसिक मंदित, 18 करोड़ की लागत से बनेगा आश्रय घर, रोटी-कपड़ा भी फ्री
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की पहल। बीते साल विभाग के प्रस्ताव पर शासन की ओर से लगी थी मुहर। बजट का भी किया था प्रावधान अब कगजों से जमीनी स्तर पर निर्माण। आश्रय घरों में मानसिक मंदितों को भोजन कपड़ा चिकित्सा व मनोरंजन जैसी सुविधाएं।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कड़कड़ाती ठंड हो या फिर बारिश, तेज धूप हो या फिर कोहरा। इन सबसे बेखबर सामाजिक तिरस्कार का दंश झेल रहे मानसिक मंदितों को तो आपने जरूर देखा होगा। आपका दिल भी उनकी सेवा करने या फिर उन्हें देखकर पसीजता जरूर होगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की पहल पर ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले निराश्रित मानसिक मंदितों को सहारा देगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है।
राजधानी के मोहान रोड पर आश्रालय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग और सामाजिक संगठनों के सहयोग से राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे आश्रय घरों को खोलेगा जहां सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशनों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर मानसिक मंदितों को लाकर रखा जाएगा। विभाग की ओर से सभी जिलों के जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अधिकारियों को आश्रयालय खोलने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। बीते साल विभाग के प्रस्ताव पर शासन की ओर से न केवल मुहर लगा दी गई बल्कि इसके लिए 18 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था। आश्रय घरों में मानसिक मंदितों को भोजन, कपड़ा, चिकित्सा व मनोरंजन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
दिव्यांगों को 500 रुपये प्रति महीने पेंशन: जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण केके वर्मा के मुताबिक, प्रदेश सरकार की पहल पर इस योजना को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राजधानी के मोहान रोड पर निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही रखने की कवायद शुरू होगी। राजधानी में अकेले 18 हजार से अधिक दिव्यांगों को 500 रुपये प्रति महीने पेंशन दी जाती है।
लखनऊ में पंजीकृत दिव्यांगों पर एक नजर
- कुल दिव्यांग-18000
- पेंशन पाने वाले दिव्यांग-17960
- आत्म निर्भर योजना का मिला लाभ-27
- प्रशिक्षण प्राप्त दिव्यांग-5000
- नौकरी पाने वाले दिव्यांग- 1500