कानपुर में खुलेगा यूपी का पहला वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान, अफसरों व कर्मचारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
उत्तर प्रदेश का पहला वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान कानपुर में खुलेगा। फिलहाल यह संस्थान कानपुर के वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में संचालित होगा। इसमें वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए अफसरों व कर्मचारियों को विभिन्न स्तरों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश का पहला वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान कानपुर में खुलेगा। फिलहाल यह संस्थान कानपुर के वानिकी प्रशिक्षण संस्थान में संचालित होगा। इसमें वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए अफसरों व कर्मचारियों को विभिन्न स्तरों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर प्रदेश की परिस्थितियों के अनुरूप प्रबंधन से लेकर शोध तक किए जाएंगे। आगामी बजट में इस वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान के संचालन के लिए धनराशि मिलने की उम्मीद है। विभाग ने इसके लिए पहले चरण में 30.5 करोड़ रुपये की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए भी आगामी बजट (वर्ष 2021-22) में अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है। यह उम्मीद इसलिए जगी है, क्योंकि योगी सरकार प्रदेश में वनावरण व वृक्षावरण बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कोरोना संक्रमण काल में जहां ज्यादातर विभागों के बजट पर कैंची चली थी तो वहीं वन विभाग को पिछले दिनों सरकार ने आकस्मिकता निधि से 100 करोड़ रुपये दिए। इसलिए आगामी बजट में भी पौधारोपण के लिए पिछली बार से अधिक बजट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। विभाग ने 600 करोड़ रुपये का बजट पौधारोपण के लिए मांगा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 450 करोड़ रुपये मिले थे।
गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए भी उम्मीद : गोरखपुर चिड़ियाघर संचालन के लिए भी बजट में प्रविधान होने की उम्मीद है। मार्च महीने में ही प्रदेश को तीसरे चिड़ियाघर के रूप में गोरखपुर चिड़ियाघर मिल जाएगा। इसके संचालन के लिए वन विभाग ने 2.4 करोड़ रुपये की मांग की है। वन मुख्यालय भवन के जीर्णोद्धार के लिए 40 करोड़ व कर्मचारियों के आवास के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
वन विभाग ने मांगे 2220 करोड़ : वन विभाग ने आगामी बजट में 2220 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की है। वर्ष 2020-21 के बजट में उसे 1390 करोड़ रुपये ही मिले थे। पिछले बार से करीब 60 फीसद अधिक बजट की मांग की गई है। लखनऊ में कुकरैल जैवविविधता केंद्र योजना के तहत चहारदीवारी के लिए 7.47 करोड़, कुकरैल के जैवविविधता केंद्र के अपग्रेडेशन के लिए दो करोड़ और वन विभाग के रेस्ट हाउस की मरम्मत व जीर्णोद्धार के लिए भी 17 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई है।