यूपी के किसानों को किराये पर मिलेंगे कृषियंत्र, प्रदेशभर में 2850 केंद्र खोलेगी योगी सरकार
Agricultural Machinery on Rent in UP प्रदेश में किसानों को कृषियंत्र किराये पर भी मिल सकेंगे ताकि वे उसका उपयोग करके अधिक अन्न उपजा सकें। सरकार किसान उद्यमी पंजीकृत किसान समिति सहकारी समिति से ग्राम पंचायत तक को अनुदान दे रही है। इस वर्ष 2850 केंद्र खोले जाने हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में किसानों को कृषियंत्र किराये पर भी मिल सकेंगे, ताकि वे उसका उपयोग करके अधिक अन्न उपजा सकें। सरकार किसान, उद्यमी, पंजीकृत किसान समिति, सहकारी समिति से लेकर ग्राम पंचायत तक को इसके लिए अनुदान दे रही है। इस वर्ष तीन अलग-अलग योजनाओं में 2850 केंद्र खोले जाने हैं। इनमें 1800 केंद्रों का चयन लगभग पूरा हो चुका है, अन्य के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। प्रदेश में करीब 92 प्रतिशत किसान लघु व सीमांत हैं, जमीन कम है और उनकी आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं है कि वे महंगे कृषि यंत्र खरीद सकें। उनके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर व कृषि यंत्र बैंक खोले जा रहे हैं। राज्य सरकार व जिला स्तरीय समिति कृषि यंत्रों का किराया तय कर चुकी है। कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि जल्द ही कुछ केंद्र शुरू हो जाएंगे।
कस्टम हायरिंग सेंटरः प्रदेश भर में 1050 सेंटर खोले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें किसान, उद्यमी, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), पंजीकृत किसान समिति व पंजीकृत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूह आवेदन कर सकते हैं। कुल दस लाख रुपये की योजना में किसान, उद्यमी या समिति को 40 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। पांच लाख रुपये के फसल अवशेष प्रबंधन के लिए यंत्र लेना अनिवार्य है। इसके लिए पोर्टल पर आवेदन शुरू हो गए हैं, पहले आओ पहले पाओ के तहत मंडलवार आवेदन 21 अक्टूबर तक लिए जाएंगे। इसके बाद चिन्हितों के सेंटर खोलने की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
फार्म मशीनरी बैंकः फार्म मशीनरी बैंक खोलने के लिए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन), पंजीकृत किसान समिति व पंजीकृत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूह से ही आवेदन लिए गए हैं। कुल 15 लाख रुपये की परियोजना में 12 लाख रुपये यानी 80 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इसमें 900 लोगों का लक्ष्य है और 1800 आवेदन हुए हैं करीब 700 लोगों ने कृषि यंत्र खरीद करके पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। तैयारी है कि करीब 150 बैंक और खोले जाएं।
फार्म मशीनरी बैंक फसल अवशेष प्रबंधन योजनाः इस योजना के तहत 900 केंद्र खोलने का लक्ष्य है। इसमें गन्ना समिति, सहकारी समित, औद्यानिक समिति व ग्राम पंचायतें को ही चिन्हित किया गया है। पांच लाख रुपये की योजना में चार लाख रुपये यानी 80 फीसद अनुदान दिया जा रहा है। इसमें फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र रखे जाने हैं। इस योजना का लाभ उन जिलों के किसान ले सकेंगे जहां पराली जलाने की घटनाएं होती रही हैं।