Move to Jagran APP

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का अब सलाखों से बाहर आना मुश्किल, आय से अधिक संपत्ति व खनन घोटाले में भी फंसी गर्दन

सामूहिक दुष्कर्म केस में उम्रकैद की सजा के बाद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर कानूनी शिकंजा पूरी तरह कस चुका है। अवैध खनन की काली कमाई से अपना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाले गायत्री के विरुद्ध सीबीआइ और ईडी की जांच का घेरा भी लगाजार कसता जा रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 07:21 PM (IST)
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का अब सलाखों से बाहर आना मुश्किल, आय से अधिक संपत्ति व खनन घोटाले में भी फंसी गर्दन
सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के लिए सलाखों से बाहर आना बेहद मुश्किल हो गया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के लिए सलाखों से बाहर आने की राह अब बेहद मुश्किल हो गई है। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा के बाद गायत्री पर कानूनी शिकंजा पूरी तरह कस चुका है। अवैध खनन की काली कमाई से अपना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाले गायत्री के विरुद्ध केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का घेरा भी लगाजार कसता जा रहा है। यही वजह है कि गायत्री के लिए आने वाले दिन और चुनौती भरे होंगे।

loksabha election banner

36.94 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त : पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध ईडी ने आठ अप्रैल, 2021 को बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री व उसके परिवार के सदस्यों की 36.94 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। साथ ही गायत्री के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी की विशेष अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था। ईडी जल्द ही गायत्री के विरुद्ध दूसरा आरोपपत्र भी कोर्ट में दाखिल कर सकता है। गायत्री और उसके परिवार की जो संपत्तियां अटैच की गई थीं, उनमें 57 बैंक खातों में जमा करीब 3.50 करोड़ रुपये तथा 60 चल-अचल संपत्तियों शामिल थीं। जब्त संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपये आंका गया था।

सीबीआइ भी कर चुकी खनन घोटाले में केस दर्ज : सीबीआइ ने जनवरी 2019 में खनन घोटाले में केस दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। जबकि ईडी ने खनन घोटाले के मामले में अगस्त 2019 में सीबीआइ की एफआइआर को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री व पांच आइएएस अधिकारियों समेत अन्य के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत चार केस दर्ज किये थे। ईडी हमीरपुर खनन घोटाले में पहले से ही पूर्व मंत्री गायत्री के खिलाफ जांच कर रहा था। ईडी ने जुलाई 2019 में पूर्व मंत्री गायत्री से लखनऊ के मेडिकल कालेज में भी लंबी पूछताछ की थी। तब वह न्यायकि अभिरक्षा में अस्पताल में भर्ती थे। पूछताछ के बाद ही ईडी का शिकंजा गायत्री पर कसना शुरू हुआ था।

आय से अधिक संपत्ति में ईडी ने दाखिल की है चार्जशीट : पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ ईडी आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ईडी ने आरोप पत्र में कहा है कि गायत्री ने वर्ष 2012 और 2017 के विधान सभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को झूठा हलफनामा दिया था। पूर्व मंत्री ने हलफनामे में परिवार के सदस्यों के नाम से दर्ज संपत्ति को नहीं दर्शाया था।आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर ईडी ने जांच की तो पता चला कि गायत्री ने अमेठी के अलावा लखनऊ, कानपुर, मुंबई व लोनावाला में संपत्ति अर्जित की है।

आय के श्रोत की जानकारी नहीं दे सके गायत्री : जांच के दौरान पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ईडी को आय के श्रोत की जानकारी नहीं दे पाए थे। ईडी को गायत्री की सौ से अधिक संपत्तियों के बारे में पता चला था। गायत्री ने अपने बेटे के नाम पर अरबों की संपत्तियां खरीदी थीं। जांच में सामने आया कि गायत्री व उसके परिवार के लोगों की आय वर्ष 2013-14 में तेजी से बढ़ी। वर्ष 2016 में यह सर्वाधिक थी। गायत्री वर्ष 2013 से 2016 तक खनन मंत्री थे। इस दौरान कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियां खरीदी गई थी। गायत्री वर्ष 2013 से 2016 तक खनन मंत्री थे। इस दौरान कर्मचारियों के नाम पर संपत्तियां खरीदी गई थी।

यह भी पढ़ें : पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्रकैद, सामूहिक दुष्कर्म मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.