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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव के एग्जिट पोल पर सात मार्च तक रोक, दस फरवरी सुबह सात बजे से लागू होगा प्रतिबंध

UP Vidhansabha Chunav 2022 निर्वाचन आयोग एग्जिट पोल को लेकर बेहद सख्त है। इस निर्देश का उल्लंघन करने पर कम से कम दो वर्ष का कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। चुनाव आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश जारी कर दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jan 2022 03:10 PM (IST)
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव के एग्जिट पोल पर सात मार्च तक रोक, दस फरवरी सुबह सात बजे से लागू होगा प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022: एग्जिट पोल पर निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर विभिन्न सर्वे एजेंसियों के साथ ही प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के एग्जिट पोल पर निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी है। यह रोक दस फरवरी को सुबह सात बजे से लागू होकर सात मार्च को शाम 6:30 बजे तक जारी रहेगी।

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निर्वाचन आयोग एग्जिट पोल को लेकर बेहद सख्त है। इस निर्देश का उल्लंघन करने पर कम से कम दो वर्ष का कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। चुनाव आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश जारी कर दिया है। निर्वाचन आयोग एगिजट पोल को लेकर बेहद सख्त हो गया है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सरकार बनाने के साथ समीकरण बिगाडऩे वाले सभी आंकड़े अब अपराध में आएंगे। इसी कारण दस फरवरी के साथ मार्च तक एग्जिट पोल दिखाने पर रोक लगा दी गई है। इसके उल्लंघन पर दो वर्ष की जेल के साथ जुर्माना की सजा है।

प्रदेश में निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग बेहद सख्त है। आयोग ने चुनाव से पहले होने वाले मत सर्वेक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि 10 फरवरी (सुबह सात बजे) से सात मार्च (शाम 6:30 बजे), 2022 तक सामान्य निर्वाचन से संबंधित एग्जिट पोल के आयोजन तथा ङ्क्षप्रट अथवा इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा उसके परिणाम का प्रकाशन व प्रसार पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। किसी भी अन्य तरीके से भी उसके प्रचार-प्रसार पर रोक होगी। इसके अलावा मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के समय से 48 घंटे पहले तक किसी भी इलेक्ट्रानिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल अथवा अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले का प्रसारण प्रतिबंधित होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126-क के तहत कार्रवाई की जायेगी। इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

निर्वाचन आयोग ने एक अधिसूचना जारी की। विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया के किसी तरह के एग्जिट पोल करने या उसे प्रकाशित करने पर रोक लगाई गई है। आयोग ने कहा कि रोक पहले चरण के मतदान के दिन सुबह सात बजे से अंतिम चरण के मतदान के दिन शाम 6.30 बजे लागू रहेगी।

आयोग ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 126 की उप-धारा (1) के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किसी तरह के एग्जिट पोल के संचालन या प्रकाशन या एग्जिट पोल के परिणाम को प्रचारित करने पर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक होगी।


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