कांग्रेस ने सेना पर जारी किया पार्टी का श्वेत पत्र, कहा-सेना का मनोबल तोड़ रही है मोदी सरकार
UP Vidhan Sabha Election 2022 केंद्र सरकार पर सेना के शौर्य के नाम पर वोट बटोरने और सैनिकों के हितों पर चोट करने का आरोप। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने जारी किया सेना पर पार्टी का श्वेत पत्र।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कांग्रेस पार्टी ने कृषि के बाद सेना और सैन्य कर्मियों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा है कि सेना के शौर्य के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार सैनिकों के हितों पर कुठाराघात करती है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर 'शौर्य के नाम पर वोट, सेना के हितों पर चोट!' शीर्षक वाले इस श्वेत पत्र को जारी करते हुए मोदी सरकार पर सेना के मनोबल को तोडऩे की साजिश करने और देश की सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया।
चव्हाण ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 13 दिसंबर 2021 को संसद को बताया है कि तीनों सेनाओं में 1,22,555 पद खाली पड़े हैं जिनमें से लगभग 10000 पद सैन्य अधिकारियों के भी हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने वर्ष 2004 से 2012 के बीच तीन बार भूतपूर्व सैनिकों को पेंशन दी जिससे उन्हें 7000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा हुआ। वहीं सत्ता में आने के बाद नरेन्द्र मोदी अपने वादे से पलट गए। मोदी सरकार ने सात नवंबर, 2015 को नया आदेश निकाला और सेना के 30-40 प्रतिशत सैनिकों से 'वन रैंक, वन पेंशन' छीन ली।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस साल एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) के बजट में 1,990 करोड़ रुपये की कटौती की है। इसकी वजह से ईसीएचएस के इंपैनल्ड अस्पतालों में एरियर का भुगतान नहीं हो रहा और रिफर किये जाने के बावजूद पूर्व सैनिकों और अधिकारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मोदी सरकार ने सीएसडी कैंटीन से सैनिकों व अधिकारियों द्वारा 10000 रुपये प्रति माह से अधिक की उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद पर पाबंदी लगा दी है। वर्ष 2017 में मोदी सरकार ने यह भी फैसला किया कि सीएसडी कैंटीन के जरिये बिकने वाले सामान पर आधी यानी 50 प्रतिशत दरों पर जीएसटी लगेगा।
चव्हाण ने सैनिकों की डिसेबिलिटी पेंशन पर टैक्स लगाने के लिए भी मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग के जरिए सेनाओं से सौतेला व्यवहार किया है। शॉर्ट सर्विस कमीशन से जुड़े सैन्य अधिकारियों को मिलिट्री अस्पताल में इलाज से वंचित किया है। उन्होंने मोदी सरकार को सैन्य अधिकारियों को 'नान फंक्शनल अपग्रेड' से वंचित रखने, पूर्व सैनिकों के पुनर्वास की सुविधाओं का रास्ता रोकने और अर्धसैनिक बलों के साथ सौतेला व्यवहार करने के लिए भी कुसूरवार ठहराया।
Edited By Anurag Gupta