डिफेंस गलियारे से जुड़ेंगे प्रदेश के कई शहर
प्रदेश के सूक्ष्म और लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
लखनऊ (जासं)। उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ जिला हो या झासी। धातु के काम के लिए प्रदेश के कई शहरों में सूक्ष्म और लघु इकाईया बहुत अच्छा काम रह रही हैं। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आयात पर निर्भर न होकर उनको अपने संसाधनों से ही तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक डिफेंस गलियारा बनेगा। इसका दायरा बुंदेलखंड से शुरू होकर अलीगढ़, आगरा, झासी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ होकर प्रदेश के कई हिस्सों तक पहुंचेगा। इन्वेस्टर्स समिट में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपी में डिफेंस गलियारा बनाने की घोषणा की।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले 20 से 25 साल में यूपी में इंडस्ट्रीज को कोई प्रोत्साहन नहीं मिला। सार्वजनिक उपक्रम की रक्षा से जुड़ी बड़ी फैक्ट्री यूपी में ही हैं। कानपुर में ऑर्डिनेंस की एक बड़ी फैक्ट्री भी है। इनमें डिफेंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई जान ही नहीं है। इनके जीर्णोद्धार करने और निजी क्षेत्र से जोडने की जरूरत है। रक्षा से जुड़े उपकरण खरीदने में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है। आयात को रोकने के लिए एक प्लान बनाया गया है। अलीगढ़, झासी, कानपुर और लखनऊ के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग में वह क्षमता है, जो रक्षा क्षेत्र के आयात को कम कर सकती है। यहा लोहा सहित धातु का बड़ा काम होता है। यूपी के इन क्षेत्रों में हर जगह पर हमारी टीम जाएगी। इसमें ब्यूरोक्रेट ही नहीं यूनीफॉर्म पर्सनल भी होंगे। फिक्की के साथ इंडस्ट्रीज को जोडने की कोशिश की जा रही है। अगले 50 साल में क्या खरीदना है, इनका निर्णय भी लिया जाएगा। इन सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बताया जाएगा कि भविष्य में तकनीक की क्या जरूरत होगी। इसे देखते हुए एक डिजिटल पोर्टल भी बनाया गया है जिसपर सभी जानकारियां मिलेंगी। इससे आपको बार-बार दिल्ली आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको हर प्रश्न का जवाब मिलेगा। हम अपनी पॉलिसी में भी बदलाव कर रहे हैं। इसमें हम इंडस्ट्रीज को आश्वस्त करेंगे कि उनसे कितना उत्पादन हम लेंगे। इतना ही नहीं सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से जुड़े लोगों के पास यदि कोई आइडिया हो जो रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हो तो वह सीधे हमे बता सकते हैं। हम उसको खरीदेंगे।
बढ़ाएंगे बुनियादी सुविधाएं
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है। हथियार खरीदने के साथ हम ब्लास्ट टेस्टिंग सेंटर जैसी सुविधाएं भी प्रदान करेंगे। कलस्टर को चुनकर भी वहा आवश्यक सुविधाएं देंगे। एचएएल की तरह निजी क्षेत्र में भी टियर.1 श्रेणी की इंडस्ट्री है। उनके लिए उपकरणों की आपूर्ति करने का रास्ता बनाएंगे।