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UP की आंतरिक सुरक्षा पर DGP मुकुल गोयल गंभीर, बोले- छोटे अपराध डालते कानून-व्यवस्था पर बड़ा असर

राजधानी लखनऊ में अलकायदा के दो आतंकी पकड़े जाने के बाद डीजीपी मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं। उनका मानना है कि आंतरिक सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है और एटीएस ने अच्छा काम किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 05:56 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 05:56 PM (IST)
UP की आंतरिक सुरक्षा पर DGP मुकुल गोयल गंभीर, बोले- छोटे अपराध डालते कानून-व्यवस्था पर बड़ा असर
यूपी की आंतरिक सुरक्षा को लेकर डीजीपी मुकुल गोयल काफी गंभीर हैं।

लखनऊ [आलोक मिश्र]। राजधानी लखनऊ में अलकायदा के दो आतंकी पकड़े जाने के बाद डीजीपी मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं। उनका मानना है कि आंतरिक सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है और एटीएस ने अच्छा काम किया है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर उनका मानना है कि छोटे अपराधों पर काबू किया जाना अधिक जरूरी है। वे कानून व्यवस्था पर बड़ा असर डालते हैं। तकनीक का अधिक उपयोग और साइबर थानों के विस्तार को अपनी प्राथमिकताओं में रखने वाले पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने दैनिक जागरण से विस्तार से चर्चा की।

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आंतरिक सुरक्षा के खतरे से निपटने के सवाल पर डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले भी आतंकी घटनाएं हुई हैं। इनसे निपटने के लिए ही एटीएस का गठन हुआ था, जिसने काफी सफलताएं भी हासिल की हैं। आंतरिक सुरक्षा को लेकर अन्य चुनौतियां भी हैं। अभिसूचना तंत्र को और विकसित किया जाएगा। मेरा मानना है कि ऐसे मामलों की जांच में तकनीक का उपयोग बढ़ाने के साथ-साथ हर मामले की गहराई तक जाने की जरूरत है। किसी भी मामले को अधूरा छोड़ने की गुंजाइश नहीं है।

सत्तारूढ़ दल के दबाव में पुलिस की निष्पक्षता के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं पर निचले स्तर पर ऐसा हो सकता है कि शिकायत हो जाए। समग्रता में देखा जाए तो ऐसा नहीं है। जहां भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं या कोई घटना हुई है, वहां कानून के अनुरूप कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हालांकि अभी थोड़ा वक्त है। अभी आगे आने वाले त्योहार हैं। पुलिस का पहला काम यही है कि सभी त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों। अच्छी कानून-व्यवस्था किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है। पुलिस निष्पक्ष होकर अपनी भूमिका निभाएगी।

डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली देश के कई बड़े शहरों में सफलतापूर्वक लागू की गई है। अब यूपी में भी चार शहरों में यह प्रणाली लागू है। अधिक आबादी वाले बड़े शहरों में क्विक रिस्पांस की जरूरत होती है इसलिए इस प्रणाली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की कुछ धाराओं के तहत मजिस्ट्रेट पावर पुलिस को मिल जाती है। दोहरा नियंत्रण नहीं रहता। प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली अपने शुरुआती दौर में है। यहां तैनात पुलिस अधिकारियों को अपने काम से साबित करना है कि यह प्रणाली बेहतर है। अभी इस प्रणाली को और समय देना होगा।

डीजीपी मुकुल गोयल ने बताया कि पुलिस की सफलता का मानक एक नहीं हो सकता। हमें हर अपराध पर ध्यान देना है। मेरा मानना है कि छोटे-छोटे अपराध भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। मोहल्ले के झगड़े, छेड़खानी व आपसी विवाद की घटनाओं में भी त्वरित व उचित कार्रवाई जरूरी है। छोटी घटनाओं पर ध्यान रहेगा तो वह बड़ी घटनाएं नहीं बनेंगी। 90 फीसद से ज्यादा पब्लिक छोटी घटनाओं से प्रभावित होती है। थाना स्तर पर इस पर ध्यान जरूर देना चाहिए। माफिया पर भी प्रभावी कार्रवाई होनी ही चाहिए।

विभागीय भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कहा कि यह पुलिस विभाग के लिए एक बीमारी है। व्यवस्था में जो है, वही परिलक्षित हो रहा है। समाज में हर तरह के लोग हैं। पुलिस में भी हर तरह के लोग हैं। यह नहीं कह सकते कि सभी पुलिसकर्मी भ्रष्ट हैं। कुछ लोग पुलिस का नाम खराब कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आइपीएस अधिकारियों को दूसरे पुलिसकर्मियों के लिए मिसाल बनना चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी।

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारी के बारे में कहा कि जल्द से जल्द सभी पुलिसकर्मियों का वैक्सीनेशन पूरा हो जाएगा। उनके परिवारीजन का भी। पहली व दूसरी लहर की तरह इस बार भी पुलिस लोगों की मदद के लिए पूरे प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की पदोन्नति समयबद्ध ढंग से दिलाई जाएगी। पीपीएस संवर्ग के कैडर रिव्यू को भी जल्द कराया जाएगा।


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