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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- मजहब देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से बदलते हैं, लेकिन पूर्वज नहीं

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित काव्य संध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी एक कवि थे वह एक साहित्यकार थे और साहित्य से राजनीति में आए थे। कवि हृदय राजनेता के लिए यह उपयुक्त श्रद्धांजलि है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 07:40 AM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- मजहब देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से बदलते हैं, लेकिन पूर्वज नहीं
सीएम योगी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मजहब देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से बदलते हैं, लेकिन पूर्वज नहीं। भगवान राम वैश्विक नायक हैं। यह बात तब और चरितार्थ होती है, जब इंडोनेशिया के मुस्लिम कलाकार रामलीला के पात्र बनकर मंच पर उतरते हैं। सीएम योगी ने बताया कि इंडोनेशिया की रामलीला के पात्रों को मैंने अयोध्या में देखा, उसके बाद उन्हें लखनऊ में सम्मान के लिए बुलाया। मैं देखकर हैरान था कि सभी पात्र मुस्लिम थे। मैंने उनसे कहा कि आप मुस्लिम होने के बावजूद राम, सीता या हनुमान बने थे। उन्होंने कहा हमारे यहां राम को लोग बड़ी श्रद्धा के साथ सम्मान करते हैं। राम हमारे पूर्वज हैं और इस्लाम हमारा मजहब। मैंने कहा- अगर भारत के अंदर कोई बनता तो फतवा जारी हो गया होता।

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इससे पहले सीएम योगी ने भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित काव्य संध्या का दीप जलाकर उद्घाटन किया। पं. अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल फाउंडेशन की ओर से अटल जयंती की पूर्व संध्या पर कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार को आयोजित काव्य समारोह में अटल व्यक्तित्व को कवि डॉ. कुमार विश्वास ने विराट काव्यांजलि दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या की पहचान राम के साथ-साथ दीपोत्सव से भी होनी चाहिए। मंदिर तो अनेक बन सकते हैं पर अयोध्या में राम मंदिर हमारी आस्था का केंद्र बिंदु है। यहां रामलीला करने आए इंडोनेशिया के कलाकारों में अधिकतर मुस्लिम थे। भारत के अंदर वो रामलीला के पात्र बनते तो फतवा जारी हो जाता।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल एक कवि थे। एक साहित्यकार थे और साहित्य से राजनीति में आए थे। कवि हृदय राजनेता के लिए यह उपयुक्त श्रद्धांजलि है। वर्ष 1957 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और वर्ष 2006 तक सक्रिय रूप से राजनीति को प्रभावित किया। अटल सबके प्रिय बने रहे। दल से ऊपर उठकर उनके प्रति लोगों में सम्मान का भाव था। सार्वजनिक जीवन में जाने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए अटल का जीवन अनुकरणीय हो सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने सदैव प्रेरणा दी कि राजनीति मूल्यों की होनी चाहिए, आदर्शों की होनी चाहिए। उनकी स्मृतियां हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। अटल की कविताओं में राष्ट्र के प्रति जो भी भाव हैं, वो आज साकार होते दिखते हैं। जिस दिन कश्मीर में धारा 370 समाप्त हुई, अटल की आत्मा को शांति मिली होगी कि उनका संकल्प पूरा हुआ। अपने महापुरुषों के प्रति श्रद्धा का भाव सिर्फ भाषणों से नहीं, व्यावहारिक रूप से होना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि कोरोना काल में हम लापरवाही नहीं कर सकते। हम सतर्क रहते हुए सभी कार्यक्रमों को करेंगे तो कोरोना से भी जीतेंगे और अपने महापुरुषों को श्रद्धांजलि भी दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि लोहिया के नाम पर लोग राजनीति जरूर करते हैं, लेकिन परिवारवाद को बढ़ावा देते हैं। आज वे लोग वातावरण खराब कर रहे, हमें समझना होगा। कार्यक्रम में मंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आदि मौजूद रहे।


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