उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सीएम फेस को नकारने के बाद चुनाव लड़ने पर भी अभी पसोपेश में प्रियंका गांधी, वेट एंड वाच
UP Election 2022 उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मुख्यमंत्री फेस को लेकर अपनी दावेदारी को एक दिन बाद नकारने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा अभी चुनाव लड़ने पर आठ-दस दिन इंतजार करने की बात कह मीडिया में आकर्षण बनी रह सकती हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम योगी आदित्यनाथ तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव का क्षेत्र तैयार करने के बाद अब लोगों की निगाह कांग्रेस के कदम पर है। बसपा मुखिया मायावती ने चुनाव लड़ने से साफ इन्कार करने के बाद महिलाओं के विकास के लिए लम्बी योजना तैयार करने वाली कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से मैदान में उतरने की उम्मीद है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री फेस को लेकर अपनी दावेदारी को एक दिन बाद नकारने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा अभी चुनाव लड़ने पर आठ-दस दिन इंतजार करने की बात कह, मीडिया में आकर्षण बनी रह सकती हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने तथा मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के सवाल पर प्रियंका और कांग्रेस दोनों सस्पेंस बरकरार रखना चाहते हैं। कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के साथ प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने से इन्कार भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मैं लड़ लूं, इस पर तो मैं ठीक भी हो सकती हूं। प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि अभी मैंने इस चर्चा को थोड़ी देर के लिए छोड़ दिया है। इसलिए जब हम तय करेंगे, तो हम आपको बताएंगे। मैं लड़ने पर विचार कर रही हूं। चर्चा जारी है। जब हम कुछ आम सहमति पर आते हैं, हम आपको बताएंगे।
लगातार सुर्खियों में प्रियंका गांधी
उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस में जान लाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश को मथ भी रही हैं। 403 सीट पर प्रत्याशी उतारने की कवायद में लगीं प्रियंका गांधी ने पार्टी का लोकलुभावन घोषणा पत्र की तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई है। 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का अभियान चलाकर भी प्रियंका लगातार सुर्खियों में हैं। अब उनका प्रयास भाजपा को सत्ता से बाहर करने का है। उनका मानना है कि आदर्शवादी राजनीति के सहारे महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के इतने बड़े साम्राच्य को शिकस्त दी। उनका मानना है कि सत्ता हो न हो, राजनीति में आदर्श होने चाहिए। हम जमीनी लड़ाई लड़ेंगे लेकिन अपने आदर्शों को नहीं छोड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश की जनता की वरीयता के बारे में उनका कहना है कि चुनाव के समय जाति, जच्बात और धर्म की नहीं, जनता के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बातें होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां भी मेरी पार्टी मुझसे प्रचार करने को कहती है, मैं वहां-वहां चुनाव प्रचार करती हूं। हमारा प्रयास कांग्रेस की नीतियों को जनता तक पहुंचाना है।
गठबंधन कांग्रेस के लिए डायनमिक पालिसी
उत्तर प्रदेश की 403 सीट पर कांग्रेस के अकेले लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन या अपने दम पर चुनाव लडऩा कांग्रेस के लिए डायनमिक पालिसी है। हमने उत्तर प्रदेश में 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। इससे पहले भी हमने बसपा के साथ गठबंधन किया था। उत्तर प्रदेश में हमारे पास अकेले ही लड़ने का रास्ता था। जिसे हमने चुना है। हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार थे लेकिन ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई और हम अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरह से यह हमारी पार्टी के लिए अच्छा है। हमने काफी समय से बहुत ज्यादा सीटों से चुनाव नहीं लड़ा है। चुनाव के बाद किसी दल के साथ आने पर उन्होंने कहा कि यह दरवाजा भाजपा के लिए बंद है और बाकी पार्टियों के लिए खुला है। समाजवादी पार्टी और भाजपा एक हद तक एक ही बिसात पर खेल रहे हैं क्योंकि दोनों का फायदा उसी तरह की राजनीति से हो रहा है।