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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का समाजवादी पार्टी पर हमला, बोले- अखिलेश को दलित वोटों की जरूरत नहीं

UP Chunav 2022 चंद्रशेखर ने कहा कि मैं तो समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जा रहा हूं। अखिलेश यादव को भी दलित नेताओं की जरूरत नहीं सिर्फ दलित वोट की जरूरत है। यह साफ हो गया कि उनका व्यवहार भी भाजपा जैसा ही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:20 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 12:02 PM (IST)
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का समाजवादी पार्टी पर हमला, बोले- अखिलेश को दलित वोटों की जरूरत नहीं
चंद्रशेखर रावण ने कहा कि हम नौ वर्ष से बहुजन समाज के लोगों को एकत्र कर रहे

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान से पहले नेताओं और दल में आरोप व प्रत्यारोप का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शुक्रवार को भेंट के बाद गठबंधन की संभावना जताने वाले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने शनिवार को उनके ऊपर गंभीर आरोप लगाया है।

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बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने जन्मदिन पर शनिवार को उनको बधाई देने वाले चंद्रशेखर ने अखिलेश यादव पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया है। चंद्रशेखर इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि मैं तो समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जा रहा हूं। अखिलेश यादव को भी दलित नेताओं की जरूरत नहीं सिर्फ दलित वोट की जरूरत है। यह साफ हो गया कि उनका व्यवहार भी भाजपा जैसा ही है।

लखनऊ में कोरोना संक्रमण की सतर्कता के बीच में चंद्रशेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शुक्रवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। इससे पहले भी बीते छह महीने से उनसे लगातार मुलाकात हो रही थी। उन्होंने हमने गठबंधन की बात की थी। इस दौरान आरक्षण समेत सभी मुद्दों पर काफी बात हुई थी। मेरी अखिलेश यादव से पिछले छह महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें।

चंद्रशेखर ने अखिलेश पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि गठबंधन में वे दलितों को नहीं चाहते हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि अभी अखिलेश जी वोट लेकर सत्ता में आ जाते हैं तो आगे की स्थिति पर अभी चर्चा होनी जरूरी थी। बुद्धिजीवियों ने हमें चेताया कि सत्ता में आने के बाद कहीं दलितों के घर जलाए जाएं। उनका शोषण शुरू हो जाए। महिलाओं को पीटा जाए। अखिलेश ने 40 दिनों बाद हमें अपमानित किया। बहुजन समाज के लोगों का अपमान किया। उन्हें दलितों की जरूरत नहीं है। अखिलेश जी सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझ पाए हैं। हमसे बातचीत की। इसमें उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। वे दलितों की लीडरशिप खड़ी नहीं होने देना चाहते हैं। उन्होंने हमें कोई जानकारी नहीं दी। हमने उन पर जिम्मेदारी छोड़ी थी कि वे हमें जानकारी दें। लेकिन, उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।

चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले दिनों हम गठबंधन को लेकर चीजों को फाइनलाइज कर रहे थे। हमारी बात लगातार समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से चल रही थी। हमें उनकी बातों से जो चीज लगी, उससे साफ हो गया है कि वे गठबंधन में बहुजनों को नहीं चाहते हैं। कई मुद्दों को साफ करना जरूरी था। सत्ता में आने के बाद राजनीतिक दलों का चरित्र बदलता है। पूर्व की सरकार में इस प्रकार के उदाहरण देखने को मिले हैं। ऐसे में हम दलित अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने को संकल्पित हैं। हमारे अधिकारों के मसले पर सपा अध्यक्ष चुप रहे।

चंद्रशेखर ने कहा कि एक आदमी को उतना ही बोलना चाहिए, जितना उसमें हिम्मत हो। मैं भी उतना ही बोलता हूं, जिस पर टिका रह सकूं। मैं फालतू नहीं बोलता। उन्होंने कहा कि छह माह से गठबंधन की कोशिश चल रही थी। 20 फीसदी बहुजन समाज को उचित रास्ता दिलाने के लिए हमने अखिलेश जी पर भरोसा किया। छह माह से हमारी बातें हुई, मुलाकात हुई। चंद्रशेखर ने कहा कि प्रमोशन रिजर्वेशन, सामाजिक न्याय, बैकलॉग के मामलों पर हमारी बात हुई। मुस्लिम समाज को भी उन्होंने 18-19 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी। घोषणा करना अलग है, उस पर टिके रहना अलग बात है।

चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव से बात चल रही है। हमने काफी मुश्किल से अपने समाज में रीढ़ की हड्‌डी पैदा की है। उनमें विश्वास टूट गया था। अब वह पैदा हुआ है। उसको अब टूटने नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी की पार्टी से जो विधायक जाएंगे, अपने अध्यक्ष के प्रति ईमानदार रहेंगे। ऐसे में बहुजन समाज को अपना अलग लीडर चाहिए। चंद्रशेखर ने भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के लिए हर प्रकार के प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए अन्य सभी चीजों को पीछे छोड़ा। मेरे खिलाफ 100 से मुकदमे हुए। 16 माह जेल में रहा। चंद्रशेखर ने कहा कि इस सबके बाद अखिलेश जी को दलित लीडर की जरूरत नहीं है। वे चाहते हैं कि दलित उन्हें वोट करें। उन्होंने कहा कि दलित अगर उन्हें वोट कर देंगे, तो इसका अलग ही संदेश जाएगा। मैं कांशीराम को अपना नेता मानता हूं। उन्होंने नेताजी को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद क्या हुआ, सबको पता है। इसी डर को लेकर हम लगातार अखिलेश जी से बात कर रहे थे।

चंद्रशेखर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कुछ नए लोगों का साथ मिलने के बाद अब हमने गठबंधन में शायद नहीं चाहते हैं। कल दो बार भेंट के बाद गठबंधन के बारे में अखिलेश यादव ने शाम तक बताने को कहा था। इसके बाद भी उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। मुझे अखिलेश यादव ने अपमानित किया है। अब हम भी उनसे कोई वास्ता नहीं रखना चाहते हैं। हम तो लम्बे समय से दलितों के उत्थान का काम कर रहे हैं। अपना काम जारी रखेंगे। चंद्रशेखर ने कहा कि हम नौ वर्ष से बहुजन समाज के लोगों को एकत्र कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि बहन जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारा उद्देश्य भाजपा को रोकना है। इसी कारण से लखनऊ में आज मेरी प्रेस कान्फ्रेंस को भी रोकने का प्रयास किया गया। कई बार सï्थान भी बदलवाया गया। हमको भरोसा है कि जब तक जनता और बहुजन समाज हमारे साथ है, हमको कोई भी नहीं रोक सकता है। हम जनहित के अपने काम जारी रखेंगे।  


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