सपा उम्मीदवारों को दंगाई-माफिया बताने पर अखिलेश का पलटवार, बोले- भाजपा के 195 में 82 आपराधिक छवि के प्रत्याशी
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की टीम का कप्तान उप कप्तान और अब तक घोषित 195 में से 82 प्रत्याशियों की छवि आपराधिक है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को दंगाई और माफिया बताकर चौतरफा घेराबंदी का प्रयास कर रही भाजपा पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने करारा पलटवार किया है। तंज के तीखे तीरों के साथ उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के बड़े नेताओं को निशाना बनाया। अपने ट्वीच में अखिलेश ने दावा किया है कि भाजपा के घोषित 195 प्रत्याशियों में से 82 आपराधिक छवि के हैं।
माफियाराज पर कार्रवाई को अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही भाजपा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सपा को घेरना चाहती है। यही वजह है कि सपा प्रत्याशी नाहिद हसन के उदाहरण के साथ भाजपा नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं, सपा प्रत्याशियों की सूची में अपराधियों की भरमार है। अब यही अस्त्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने और पैना करते हुए सत्ताधारी दल की ओर फेंक दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट किया- 'उत्तर प्रदेश में भाजपा की टीम का कप्तान, उप कप्तान और अब तक घोषित 195 में से 82 प्रत्याशियों की छवि आपराधिक है... और दिल्ली की टीम में तो साक्षात... उनके सम्मान में... भाजपा लखनऊ की जगह लखीमपुर को राजधानी घोषित कर दे।'
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जनता के बीच साख खो चुकी है। उसके साथ कोई नहीं है। वह अलग-थलग पड़ गई है, इसलिए निम्न स्तर पर उतर आई है। उसने थोथे वादे किए हैं, जबकि समाजवादी सरकार के काम की सच्चाई सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा राज के पांच वर्षों में सबसे बुरे दिन देखने पड़े हैं। महंगाई और भ्रष्टाचार ने समाज में खाईं पैदा कर दी है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढऩे से खाद्य पदार्थों के भाव बढ़ गए हैं। परिवहन महंगा हो गया है। महंगी बिजली ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अपनी नाकामियां छुपाने के लिए संगठित झूठ बोलने का अभियान चलाया है। सपा सबको साथ लेकर चलती है। सद्भावना और सौहार्द समाजवादियों के चरित्र में है। वह सबका सम्मान करती है। सभी धर्मों के प्रति समान आस्था है। भाजपा की नीतियां नफरत और अलगाव पैदा करती हैं। समाज को बांटने के प्रयास किए जा रहे हैं।