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UP Chunav 2022: दूसरे दलों का दामन थामने के बाद फिर विधानसभा पहुंचने की तैयारी कर रहे ये पांच विधायक, इस्तीफे मंजूर

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पांच विधायकों के त्यागपत्र मंजूर हो गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया है। ये विधायक दूसरे दलों में शामिल होकर विधानसभा में दाखिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:50 PM (IST)
UP Chunav 2022: दूसरे दलों का दामन थामने के बाद फिर विधानसभा पहुंचने की तैयारी कर रहे ये पांच विधायक, इस्तीफे मंजूर
UP Vidhan Sabha Chunav 2022: विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पांच विधायकों के त्यागपत्र मंजूर हो गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पांच विधायकों के त्यागपत्र मंजूर हो गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया है। इनमें से दो विधायक समाजवादी पार्टी और एक-एक कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर वर्ष 2017 में चुनाव जीते थे। ये सभी विधायक अब दूसरे राजनीतिक दलों में शामिल होकर फिर से विधानसभा में दाखिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

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पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल के पुत्र नितिन अग्रवाल पिछले विधान सभा चुनाव में हरदोई सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर निर्वाचित हुए थे लेकिन बाद में अपने पिता के साथ उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उन्हें विधान सभा उपाध्यक्ष बनवाया। हरदोई सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नितिन ने विधान सभा की सदस्यता और उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया था। वहीं, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी और फिरोजाबाद की सिरसागंज सीट से सपा विधायक रहे हरिओम यादव ने भी चुनाव से पहले भाजपा का दामन थामा। भाजपा ने उन्हें सिरसागंज सीट से उम्मीदवार बनाया है।

रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत कर आईं अदिति सिंह शुरुआत से ही अपनी पार्टी के प्रति बगावती तेवर दिखा रही थीं। हाल ही में वह भाजपा में शामिल हो गईं। अदिति सिंह ने बुधवार को कांग्रेस के साथ ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अदिति ने पार्टी से इस्तीफा स्वीकार करने की बात कही है।

उन्नाव की पुरवा सीट से बसपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने अनिल सिंह भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं और फिर टिकट के दावेदार हैं। राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर 2017 में बागपत की छपरौली सीट से जीते सहेन्द्र सिंह को 2018 में राज्यसभा के चुनाव में क्रास वोटिंग करने पर रालोद ने निष्कासित कर दिया था। उसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। अठारहवीं विधान सभा के चुनाव में भाजपा ने उन्हें छपरौली से उम्मीदवार बनाया है।


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