UP Cabinet Expansion: योगी मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की गुंजाइश कम, शामिल हो सकते चार से पांच नए चेहरे
UP Cabinet Expansion केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरह बड़े फेरबदल से भारतीय जनता पार्टी बचना चाहती है क्योंकि चुनाव करीब ही है। अभी टीम योगी में मुख्यमंत्री सहित कुल 53 मंत्री हैं। सात स्थान अभी खाली हैं। सात की बजाए सिर्फ चार या पांच नए मंत्री बनाए जाने का विचार है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तो लंबे समय से चल रही थी, लेकिन अब उसकी रूपरेखा तैयार है। केंद्र की तरह बड़े फेरबदल की गुंजाइश बहुत कम है। सिर्फ चार-पांच नए चेहरे शामिल करने पर सहमति की चर्चा है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए मौजूदा मंत्रियों का कद काम के आधार पर घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी सरकार और भाजपा संगठन को समन्वय के साथ करनी है। लिहाजा, योगी मंत्रिमंडल के विस्तार पर हाईकमान से चर्चा करने के लिए सोमवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल दिल्ली पहुंच गए। मंगलवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में सब कुछ तय कर लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरह बड़े फेरबदल से भारतीय जनता पार्टी बचना चाहती है, क्योंकि चुनाव करीब ही है। अभी टीम योगी में मुख्यमंत्री सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। चूंकि मानक के अनुसार कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं, इसलिए सात स्थान अभी खाली हैं। हालांकि सात की बजाए सिर्फ चार या पांच नए मंत्री बनाए जाने का विचार है।
कामकाज के आकलन और क्षेत्रीय-जातीय संतुलन के आधार पर कुछ मंत्रियों का कद बढ़ाया-घटाया जा सकता है। यह विस्तार और बदलाव इसी सप्ताह के अंत तक होने की संभावना है। दिल्ली में विधान परिषद सदस्य के चार नामों पर भी मंथन हुआ। इनमें हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को एमएलसी बनाया जाना लगभग तय है। एमएलसी के मनोनयन की घोषणा दो या तीन दिन में हो सकती है।
इसके साथ ही दूसरी संभावनाओं की चर्चा भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए ऐसे मंत्रियों का भी इस्तीफा ले लिया, जो चर्चित और दिग्गज नेता हैं। इसी लाइन पर चलते हुए चाहे तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह व लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं।