यूपी में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अचानक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से की मुलाकात
उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की चर्चा ने फिर से जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अचानक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट करने के लिए राजभवन पहुंचे। उनका यह कार्यक्रम पहले से निर्धारित नहीं था।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की चर्चा ने फिर से जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अचानक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट करने के लिए राजभवन पहुंचे। उनका यह कार्यक्रम पहले से निर्धारित नहीं था। बताया जा रहा है कि सीएम योगी ने राज्यपाल से इस संबंध में बातचीत की है। हालांकि इस मुलाकात को प्रस्तावित राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के उत्तर प्रदेश दौरे को लेकर भी देखा जा रहा है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द गुरुवार को लखनऊ आ रहे हैं। वह यहां राजभवन में प्रवास करने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार मुलाकात की। उन्हें धार्मिक पुस्तक भेंट करने के साथ ही राष्ट्रपति के आगमन के संबंध में चर्चा की। हालांकि, माना यह भी जा रहा है मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चार विधान परिषद सदस्यों के प्रस्तावित मनोनयन और मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर भी बातचीत हुई है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति का दौरा समाप्त होते ही जहां सदस्यों का मनोनयन कर दिया जाएगा। वहीं, मंत्रिपरिषद का विस्तार भी इस माह के अंत में या सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है।
योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल को चल रहा अटकलों का सिलसिला अब थमने का वक्त आ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की बुधवार को मुलाकात ने इस संभावना को और बल दे दिया है। इससे पहले 19 अगस्त को सीएम योगी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। सीएम योगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि उस दौरान मंत्रिमंडल में विस्तार के साथ विधान परिषद सदस्य के लिए भी चार नामों पर सहमति बनी थी।
उत्तर प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। मानक के अनुसार साठ मंत्री बनाए जा सकते हैं, इसलिए सात और मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। अब विधानसभा चुनाव में कुछ माह ही बचे हैं। सरकार और संगठन, दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी सोच के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार-विमर्श शुरू हुआ है। इसके साथ ही चार एमएलसी मनोनीत किए जाने हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही एमएलसी मनोनयन की प्रक्रिया भी इतने दिन से रुकी है। चर्चा यही है कि नए एमएलसी में से भी एक-दो को मंत्री बनाया जा सकता है, इसलिए हर तरह से समीकरण पर विचार किया जा रहा है।
बता दे कि उत्तर प्रदेश के यह तीनों शीर्ष नेता जुलाई में भी दिल्ली जाकर राष्ट्रीय नेतृत्व से मिले थे। इधर, एमएलसी और मंत्री बनने की दौड़ में शामिल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद की मुलाकात भी नड्डा और शाह से हाल ही में हुई है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के साथ ही ब्राह्मण और संगठन के संघर्षशील कार्यकर्ता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। योगी मंत्रिमंडल में महिला मंत्री की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए संभावना है कि पार्टी इस एक मनोनयन में महिला के साथ ही दलित या पिछड़े का भी कोटा पूरा कर दे।