UP Cabinet Decision : स्टार्टअप के लिए पहली बार उत्तर प्रदेश में अलग नीति, कैबिनेट ने दी मंजूरी
UP Cabinet Decision स्टार्टअप इकाइयों की स्थापना में यूपी को देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य के साथ पहली बार अलग से नीति बनाई गई है।
लखनऊ, जेएनएन। रोजगार के पीछे भागते युवाओं को स्वरोजगार की ओर मोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने जो स्टार्टअप का रास्ता दिखाया है, उस पर उत्तर प्रदेश तेजी से कदम बढ़ाना चाहता है। स्टार्टअप इकाइयों की स्थापना में यूपी को देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य के साथ पहली बार अलग से नीति बनाई गई है। उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें कुल 21 प्रस्ताव रखे गए, जिन्हें स्वीकृति दे दी गई। स्टार्टअप नीति का अहम प्रस्ताव था। बताया गया कि उत्तर प्रदेश के सभी प्रकार के उद्योगों के लिए कोई समग्र स्टार्टअप नीति वर्तमान में नहीं है। सभी क्षेत्रों जैसे कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में भी स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए एक मजबूत स्टार्टअप ईकोसिस्टम बनाने के लिए एक नीति की जरूरत महसूस की गई।
इसी क्रम में अन्य प्रदेशों की स्टार्टअप नीतियों के अध्ययन और प्रस्तावित नीति विभिन्न स्तरों पर चर्चा में आए सुझाव के आधार पर उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 बनाई गई है। अभी तक उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2017 प्रचलन में है, जिसकी परिकल्पना सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की स्टार्टअप इकाइयों को देखते हुए की गई थी। नई नीति में प्रोत्साहनों के तहत इन्क्यूबेटर्स को पूंजीगत अनुदान, परिचालन व्यय में सहायता, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, नवरत्न इन्क्यूबेटर्स की व्यवस्था, स्टार्टअप्स को सरकारी खरीद में वरीयता, भरण-पोषण भत्ता, पेटेंट फाइलिंग लागत की प्रतिपूर्ति, स्टार्टअप फंड, विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में नवाचार व उद्यमिता पाठ्यक्रम के लिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड के स्टार्टअप के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है।
डेढ़ लाख रोजगार सृजन की उम्मीद : सरकार का मानना है कि यह नीति प्रदेश के युवाओं को रोजगार आकांक्षी के बजाय रोजगार प्रदाता के रूप में ढालने में सहायक होगी। इससे लगभग 50,000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष, जबकि एक लाख व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। कैबिनेट ने यह निर्णय भी लिया है कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 में समय की जरूरत के अनुसार कोई भी परिवर्तन मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किया जा सकेगा। यह नीति अधिसूचना की तिथि से पांच वर्षों के लिए वैध होगी।
लखनऊ में देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेटर : स्टार्टअप नीति-2020 में सरकार ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड को विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की है तो राजधानी लखनऊ का भी पूरा ध्यान रखा है। सरकार ने तय किया है कि स्टेट ऑफ आर्ट उत्कृष्टता के केंद्रों की स्थापना के साथ ही भारत के सबसे बड़े इन्क्यूबेटर की स्थापना लखनऊ में की जाएगी।
नीति के साथ तय हुए यह लक्ष्य
- भारत सरकार द्वारा संचालित राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग में उप्र को तीन शीर्ष राज्यों में लाना।
- सौ इन्क्यूबेटर्स और राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक इन्क्यूबेटर की स्थापना।
- स्टार्टअप के लिए कम से कम एक मिलियन वर्ग फुट इन्क्यूबेशन, एक्सीलेरेशन स्थान का विकास।
- राज्य में कम से कम 10,000 स्टार्टअप की स्थापना के अनुकूल ईकोसिस्टम का सृजन।