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UP Cabinet Decision: कम आय वालों के ल‍िए ज्यादा किफायती फ्लैट, अफोर्डेबल हाउसि‍ंग के नए मानक को मंजूरी

योगी सरकार ने अफोर्डेबल हाउसि‍ंग के नए मानकों को हरी झंडी दे दी है। अब ऐसे मानक तय किए गए हैं जिससे विकासकर्ता (बिल्डर) कम जमीन पर ही ज्यादा और जल्दी अधिक से अधिक फ्लैट बना सकेंगे। फ्लैट की कीमत भी निम्न-मध्यम एवं मध्यम आय वर्ग की पहुंच में रहेगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:15 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:25 PM (IST)
UP Cabinet Decision: कम आय वालों के ल‍िए ज्यादा किफायती फ्लैट, अफोर्डेबल हाउसि‍ंग के नए मानक को मंजूरी
रियायतें दिए जाने से 40 लाख रुपये तक में उपलब्ध होंगे फ्लैट।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कम कमाई वालों को किफायती फ्लैट मुहैया कराने के लिए योगी सरकार ने अफोर्डेबल हाउसि‍ंग के नए मानकों को हरी झंडी दे दी है। अब ऐसे मानक तय किए गए हैं जिससे विकासकर्ता (बिल्डर), कम जमीन पर ही ज्यादा और जल्दी अधिक से अधिक फ्लैट बना सकेंगे। फ्लैट की कीमत भी निम्न-मध्यम एवं मध्यम आय वर्ग की पहुंच में रहेगी जिससे जरूरतमंदों का न्यूनतम कीमत में 'अपना घर का सपनाÓ पूरा हो सकेगा।

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बुधवार को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन द्वारा आवास विभाग की जिस अफोर्डेबल हाउसि‍ंग उपविधि-2021 को मंजूरी दी गई है उससे सूबे में लघु-मध्यम और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए उनकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की उपलब्धता बढ़ जाएगी। दरअसल, पूर्व की सपा सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू की गई समाजवादी आवास योजना के योगी सरकार में बंद होने के बाद से राज्य में किफायती फ्लैट बनाने में विकासकर्ता दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। अब तमाम रियायतों के साथ अफोर्डेबल हाउसि‍ंग के नए सिरे से मानक तय किए जाने से सरकार का मानना है कि सूबे में किफायती फ्लैट का तेजी से निर्माण करने के लिए विकासकर्ता आगे आएंगे।

दो हजार वर्गमीटर पर बना सकेंगे फ्लैट : शहर के अंदर फ्लैट की मांग और जमीन की कम उपलब्धता को देखते हुए सरकार ने कम से कम 12 मीटर चौड़ी सड़क पर बिल्डरों को न्यूनतम दो हजार वर्गमीटर के भूखंड पर ही फ्लैट बनाने की अनुमति दी है। कम जमीन पर ज्यादा फ्लैट बन सकें, इसके लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेसियो) भी सड़क की चौड़ाई व क्षेत्र के अनुसार दो तक रहेगा। डेन्सिटी (घनत्व) भी बढ़ाकर 500 फ्लैट प्रति हेक्टेयर तक किया गया है। जनसंख्या घनत्व से मुक्त किए जाने से बिल्डर को बेसिक विकास शुल्क ही देना होगा। अब रेरा में अनिवार्य रूप से परियोजना को पंजीकृत कराए जाने से 25 फीसद भूमि को बंधक रखने की शर्त से भी बिल्डर को छूट दे दी गई है। तीन हजार वर्गमीटर की भूमि पर रो हाउसि‍ंग भी की जा सकेगी।

छह से 40 लाख तक होगी फ्लैट की कीमत : जिस तरह की रियायतें दी गईं हैं उससे फ्लैट की कीमत छह लाख से 40 लाख रुपये तक ही रहने का अनुमान है। विभिन्न नगरों में आकार, लोकेशन और भवन निर्माण की लागत में अंतर होने से फ्लैट की कीमत कम ज्यादा हो सकती है।

न्यूनतम दो कमरे व बालकनी होगी जरूरी : अफोर्डेबल योजना के तहत न्यूनतम 25 वर्गमीटर से अधिकतम 90 वर्गमीटर कारपेट एरिया के फ्लैट बनाए जाएंगे। इनमें न्यूनतम दो कमरे, रसोईघर, स्नानघर, शौचालय व बालकनी की सुविधा रहेगी। 90 वर्गमीटर में तीन कमरे भी हो सकते हैं।


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