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यूपी का लेखानुदान बिना चर्चा पास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में आज चार माह के लिए अंतरिम बजट पारित कर दिया गया। 93,502 करोड़

By Edited By: Published: Sat, 22 Feb 2014 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2014 10:17 AM (IST)
यूपी का लेखानुदान बिना चर्चा पास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में आज चार माह के लिए अंतरिम बजट पारित कर दिया गया। 93,502 करोड़ का यह लेखानुदान बिना किसी चर्चा के ही पास कर दिया गया।

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महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। कुछ खास मसलों जैसे श्रमिक कॉलोनियों पर अनधिकृत कब्जों की बावत सरकार ने जांच कराने का आश्वासन दिया जबकि विधान परिषद में सरकार ने माना कि मौजूदा सरकार में अपराध बढ़े हैं।

जनता के साथ धोखाधड़ी

नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने संपूर्ण बजट न प्रस्तुत कर के जनता के साथ धोखाधड़ी की है। लेखानुदान के बहाने समाजवादी पार्टी ने सरकारी खजाने को लुटने का तरीका इजाद किया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था से लगातार खिलवाड़ कर रही सरकार अपनी खामियों को छिपाने की खातिर लोकसभा चुनाव से पहले लीपापोती में जुटी है। इसके बाद भी जनता के गुस्से से बचना मुश्किल होगा।

सपा सरकार की बुजदिली

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि लेखानुदान प्रस्तुत करना सपा सरकार की बुजदिली दर्शाता है। चुनाव से पूर्व अपनी फजीहत से बचने को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आम बजट पेश नहीं किया। सपा सरकार के पास पूरे साल में बताने के लिए कुछ नहीं था। विकास की पोल खोलने से डरी सरकार प्रदेश की जनता से मुहं छिपा रही है। कामचलाऊ ढर्रे पर चल रही सपा सरकार ने वित्तीय प्रबंधन चलताऊ अंदाज में कर दिया।

व्यवस्था के लिए एक घातक

रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह ने कहा कि चौहान बजट प्रस्तुत न कर लेखानुदान पेश करना लोकतांत्रिकव्यवस्था के लिए एक घातक परम्परा साबित होगी। इससे जाहिर होता है कि सरकार प्रदेश के विकास के लिए कतई गंभीर नहीं। सरकारी खजाने का कैसे, कहां और कितना खर्च होगा? सपा सरकार इस मसले पर बहस से बच रही है। मुख्यमंत्री को न गांवों की चिंता और न किसानों की फिक्र है। केवल घोषणाओं के भरोसे सपा जनता को अधिक दिन न बरगला सकेंगी।

पीछा छुड़ाने की कोशिश

कांग्रेस नेता विधानमंडल प्रदीप माथुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सच्चाई का सामना करने से लगातार बच रही है। अल्पकालिक सत्र में लेखानुदान पेशकर मुख्यमंत्री ने विकास के मसलों पर अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश की। केंद्र की 142 योजनाओं में से केवल 66 पर अमल समाजवादी पार्टी की जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनता ने सपा सरकार के असली चेहरे को भलीभात पहचान लिया है। भविष्य में उन्हें सत्तासीन करने की गलती कभी न करेंगी।

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