Move to Jagran APP

UP Budget Session 2021: CM योगी आदित्यनाथ बोले- किसानों की जमीन कब्जाने वाले अब बने हैं हितैषी

UP Budget Session 2021 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि समाजवादी पार्टी किस मुंह से किसानों युवाओं और महिलाओं के बारे में बोलती है। यह लोग तो कभी भी इनकी बात सदन में नहीं करते हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 06:58 AM (IST)
UP Budget Session 2021: CM योगी आदित्यनाथ बोले- किसानों की जमीन कब्जाने वाले अब बने हैं हितैषी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सदन को संबोधित किया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र के दूसरे दिन विधानमंडल के दोनों सत्रों में सरकार की ओर से कृषि कानूनों की जोरदार पैरोकारी की गई। विधानसभा में विपक्ष ने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब में तीखा पलटवार किया। किसी विपक्षी दल का नाम लिए बिना बोले कि कृषि कानूनों से किसानों को कोई दिक्कत नहीं है। किसान संगठन तो कई बार समर्थन कर चुके हैं। दिक्कत बिचौलियों को है, क्योंकि अब पैसा सीधे किसानों के खाते में जा रहा है। सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि सहमति-असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन ऐसा आंदोलन अस्वीकार्य है, जो लोगों की असुविधा का कारण बने और आवागमन को बाधित करे।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सदन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों का फायदा किसानों को मिलेगा। इससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि तो होगी ही, साथ ही वे खुशहाल और संपन्न बन सकेंगे। किसान राज्य सरकार की भी प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। साथ ही इन कानूनों में उन्हें बिचौलियों से बचाने की भी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि समाजवादी पार्टी किस मुंह से किसानों, युवाओं और महिलाओं के बारे में बोलती है। यह लोग तो कभी भी इनकी बात सदन में नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र की शक्ति संवाद है। संवाद में सहमति और असहमति भी होगी, लेकिन सहमति तथा असहमति के मध्य समन्वय स्थापित करना ही तो लोकतंत्र का काम है।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा था, उस दिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ। देश के संवैधानिक प्रतीकों का असम्मान हुआ। क्या यह किसान आंदोलन की आड़ में देश की छवि को खराब करने की साजिश नहीं है। इसी कारण कोई भी स्वाभिमानी समाज इसको स्वीकार नहीं कर सकता है। जहां तक किसानों के हित की बात है कि उत्तर प्रदेश में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स ने हजारों हेक्टेयर भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराया है। विपक्षी दलों की सरकारों के समय जबरन कब्जा की गईं यह अधिकतर जमीनें, किसानों और सार्वजनिक भूमि का हिस्सा थीं। चिंता की बात है कि अन्नदाता किसान नहीं व्यक्त कर रहा है बल्कि किसान को धोखा देकर दलाली करने वाले लोग आज जरूर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि धन सीधे किसानों के बैंक खातों में क्यों जा रहा है। उनकी चिंता के पीछे सद्भावना नहीं दुर्भावना है।

विपक्ष को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रत्येक फसली वर्ष में किसानों से एमएसपी पर गेहूं, धान आदि फसलों की जितनी खरीद प्रत्येक वर्ष की गई है, उतनी खरीद पिछली सरकारों के पूरे कार्यकालों में भी नहीं की गई। किसानों की खुशहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों का पता इस बात से चलता है कि कोरोना काल के दौरान भी गेहूं क्रय केंद्र चलाए गए। प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें भी चलीं। वर्ष 2004 से 2017 के बीच जितने गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया, उससे अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान पिछले साढ़े तीन वर्षों में किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के संबंध में किसानों से भी राय ली गई है। कुछ लोग आंदोलन के माध्यम से किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। तीनों कानूनों का लाभ गिनाते हुए योगी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। उनकी जमीन हर हाल में सुरक्षित रहेगी। एफपीओ गठन से किसानों को व्यापक लाभ होगा। वे अपनी खेती को व्यवस्थित कर मुनाफा कमा सकेंगे, इससे उनकी आय में कई गुना वृद्धि होगी।

जनता की सुरक्षा से नहीं करने देंगे खिलवाड़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का जिक्र करते हुए कहा कि भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन का बड़ा क्षेत्रफल कब्जामुक्त कराया जा चुका है। इस पर गो संरक्षण केंद्र और अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 24 करोड़ जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। इससे किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

सदन में गूंजा 'जय श्रीराम' : सीएम योगी ने उपलब्धियों के क्रम में अयोध्या का भी जिक्र किया। बिना किसी दल का नाम लिए बोले कि कुछ लोग कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। अब वहां राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाना शुरू कर दिया।

शाही ने याद दिलाया पंजाब का मंडी शुल्क : मुख्यमंत्री ने विधानसभा तो कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने विधान परिषद में मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि सपा सरकार से ज्यादा धान खरीद योगी सरकार में हुई है। हम सीधे किसानों के खाते में धान खरीद का पैसा दे रहे हैं। कांग्रेस शासित पंजाब का भी उदाहरण देते हुए शाही ने कहा कि वहां साढ़े आठ फीसद मंडी शुल्क लिया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क ढाई से घटाकर डेढ़ फीसद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 2.45 करोड़ किसानों को सम्मान निधि दी जा चुकी है। इस साल गन्ने की पेराई का 50 फीसद भुगतान हो चुका है।

उत्तराखंड हादसे के पीड़ितों को हरसंभव मदद : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के शिकार लोगों को विधानसभा में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों को सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी। सदन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व पूर्व राज्यपाल मोतीलाल वोरा के साथ 35 पूर्व सदस्यों को भी याद करते हुए शोक प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा में बड़े स्तर पर जन व धन हानि हुई है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद प्रदेश के कई लोगों का अभी पता नहीं चल सका है। योगी ने बताया कि पीड़ितों की मदद के लिए गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा की अध्यक्षता में मंत्रियों की टीम तथा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम पीडि़तों को यथा संभव राहत प्रदान कराने में जुटी है। उत्तराखंड सरकार से भी लगातार संपर्क बना कर मदद की जा रही है।

कानून की प्रतियां साथ लाए थे अरविंद शर्मा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी पूर्व नौकरशाह व नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्य अरविंद कुमार शर्मा शुक्रवार को पहली बार सदन में बोले, लेकिन आए पूरी तैयारी से थे। वह तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां साथ लाए थे। कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे विपक्ष के हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष काला कानून तो इसे कह रहा है, लेकिन इसमें क्या काला है, यह नहीं बता रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य व कृषि मंडियां खत्म होने की बात इसमें नहीं है। हमसे भी बड़ी संस्था लोकसभा व राज्यसभा में बड़ी बहस के बाद यह कानून बने हैं। तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां आगे बढ़ाते हुए उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी और कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। मंडियां अपनी जगह रहेंगी, साथ ही किसानों को यह सुविधा रहेगी कि वे अपनी फसल किसी भी जगह पर बेच सकेंगे। 

विधानमंडल के बजट सत्र में दूसरे दिन भी सपा का बहिर्गमन, विप में सभापति को हटाने का नोटिस खारिज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उन्नाव में दो बालिकाओं की मृत्यु के बाद कांड को लेकर विधान परिषद में नोकझोंक भी हुई। इसके बाद सपा व बसपा ने सदन का बहिर्गमन कर दिया। सपा, बसपा और कांग्रेस ने उन्नाव में अनुसूचित जाति की तीन किशोरियों के खेत में अचेतावस्था में पाए जाने की घटना पर सदन में काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक हुई। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा और बसपा सदस्य सदन से बाहर चले गए।

विशेषाधिकार समिति को जांच: विधान मंडल के बजट सत्र के पहले ही दिन समाजवादी पार्टी के विधायकों से दुर्व्यवहार की जांच विशेषाधिकार समिति को सौंपी गई है। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आनंद भदौरिया, सुनील सिंह यादव व राजेश यादव गुरुवार को ट्रैक्टर पर बैठकर विधान भवन जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने इन्हेंं रोका। सपा के इन सदस्यों ने सदन में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया था। इन तीनों का आरोप था कि पुलिस ने इनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस दौरान सदन में घटनाक्रम की फोटो भी दिखाई गई। इसके बाद अधिष्ठाता सुरेश कुमार त्रिपाठी ने विधायकों से दुर्व्यवहार की जांच विधान परिषद की विशेषाधिकार समिति को सौंपने का निर्देश दिया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.