UP Budget 2021: यूपी सरकार के चुनावी बजट में गांवों व किसानों की आत्मनिर्भरता को रफ्तार देने की कोशिश
UP Budget 2021 उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य पाने के लिए बजट में आधारभूत ढांचा मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
लखनऊ [अवनीश त्यागी]। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य पाने के लिए आधारभूत ढांचा मजबूत करने पर जोर दिया गया है। हालात तेजी से बदलने के लिए सहकारी समितियों के साथ कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की सक्रियता बढ़ाई जाएगी। चुनावी बजट में गांवों व किसानों की आत्मनिर्भरता को रफ्तार देने की कोशिश की गई है।
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना की शुरुआत के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। फसलों की लागत कम करने के लिए मुफ्त सिंचाई सुविधा प्रदान को 700 करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया गया है। बिजली डीजल खर्च बचाने के लिए 15 हजार नए सोलर पंप स्थापना का लक्ष्य है, जबकि रियायती दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए 400 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है। सहकारी समितियों की भंडारण समस्या के निदान को 10 करोड़ रुपये गोदाम निर्माण के लिए प्रदान किए गए हैं। उर्वरक संकट न होने देने के लिए 150 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था है। इसी तरह 600 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ अब बटाईदार किसानों को भी मिल सकेगा।
बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को 500 करोड़ : आंदोलन की तपिश कम करने के लिए सरकार ने गन्ना किसानों का भरपूर ध्यान रखा है। बकाया भुगतान को आसान करने के लिए सहकारी चीनी मिलों को 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सहकारी व निगम की मिलों के रखरखाव को 25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। गन्ने के रस से सीधे एथनाल बनाने की प्रोत्साहित करने को पिपराइच मिल में 120 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता की आसवनी स्थापित की जा रही है। मेरठ मेें मोहिउद्दीनपुर मिल की गन्ना पेराई क्षमता 3500 टीसीडी की जाएगी। इससे एक लाख किसानों को गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी।
कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा : किसानों व गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है। पशुपालन में मुनाफे का जरिया बनाने के लिए पशुओं की नस्ल सुधार व बीमारियों से बचाव को प्राथमिकता दी गई है। बकरी व मत्स्य पालन से छोटी जोत वाले किसानों का भला होगा। वर्ष 2021-22 में तीन हजार हेक्टेयर तालाबों का दस वर्षीय पट्टा तथा उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
हाई-टेक होंगी पंचायतें, सबको घर व पेयजल : ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की उड़ान को गति देने के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार किया जाएगा। हर न्याय पंचायत में अत्याधुनिक दो चंद्रशेखर आजाद ग्रामीण सचिवालय व बहुउद्देशीय पंचायत भवन आदि के लिए 34 करोड़ प्रदान किए गए हैं। वहीं ग्राम स्वराज अभियान योजना में प्रशिक्षण व संरचनात्मक ढांचा निर्माण के लिए 653 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जल जीवन मिशन ग्रामीण के तहत वर्ष 2024 तक सभी घरों में पेयजल आपूर्ति के लिए 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। सभी को आवास दिलाने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में क्रमश: 7000 करोड़ व 369 करोड़ रुपये बजट प्रस्तावित किया गया है।