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UP Budget 2021: यूपी में क्षेत्रीय असमानता की खाई पाटते दिखेंगी चारों एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं

UP Budget 2021 भाजपा के चुनावी रथ के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का काम तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की घोषणा के साथ ही कर दिया था। अब सरकार चाहती है कि परियोजनाओं को और तेजी से बढ़ाया जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 07:17 AM (IST)
UP Budget 2021: यूपी में क्षेत्रीय असमानता की खाई पाटते दिखेंगी चारों एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं
यूपी में सड़क और सेतुओं के संजाल के लिए बजट में लगभग 26 हजार करोड़ का इंतजाम।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। 'पक्की सड़कें विकास के रास्ते खोलती हैं...।' इस कथ्य की शुरुआत से गांठ बांधे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने लिए कोई पथरीली राह नहीं छोड़ना चाहती। बेशक, अवस्थापना सुविधाओं को समर्पित 2020-21 का बजट था, लेकिन मजबूत रोड नेटवर्क का संकल्प इस बार भी समानांतर चला है। लगभग साकार हो चले पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे हों या जमीन अधिग्रहण की प्रारंभिक स्थिति वाला गंगा एक्सप्रेस-वे, सरकार ने पैसा सभी के लिए दिया है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग की सड़कों के लिए खजाना खोलकर प्रयास किया है कि कोई रास्ता पथरीला न रहे।

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भाजपा के चुनावी रथ के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का काम तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की घोषणा के साथ ही कर दिया था। अब सरकार चाहती है कि परियोजनाओं को और तेजी से बढ़ाया जाए, ताकि 2022 में जब सत्ता का संग्राम सूबे में छिड़ा हो, तब बड़ी उपलब्धियां झोली में हों। इस पर योगी का जोर इसलिए भी है, क्योंकि मायावती सरकार ने नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे तो अखिलेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनवाया। इनके एक-एक एक्सप्रेस-वे की तुलना में योगी सरकार चुनावी मैदान में पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे के साथ होगी।

इनमें से पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इसी वर्ष शुरू करने का लक्ष्य है, जबकि मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण चल रहा है। इन सभी के लिए बजट में प्रबंध किया गया है। इनके जरिये सरकार सूबे में क्षेत्रीय असमानता दूर करने का दावा कर सकेगी। इसी तरह गांवों तक विकास की बग्घी पहुंचाने का संदेश मजबूत सड़कों से देने की तैयारी है। अधूरे पुल तेजी से पूरे करने का संकल्प बजट में है। इस तरह सरकार ने कुल 26,124 करोड़ रुपये की व्यवस्था इन अवस्थापना सुविधाओं के लिए की है।

यह हैं प्रदेश के नए एक्सप्रेस-वे

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : 1492 करोड़ : बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही यह योजना इसी वर्ष के अंत तक पूरी करने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार ने बजट में 1492 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : 1107 करोड़ : पूरब के विकास लिए सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बना रही है। इसे वर्ष 2021 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार द्वारा 1107 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
  • गंगा एक्सप्रेसवे : 7689 करोड़ : मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो चुका है। बजट में जमीन के लिए 7200 करोड़ और निर्माण के लिए 489 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

सड़क-सेतुओं के लिए बजट में इंतजाम

  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 860 करोड़ रुपये
  • सड़क-पुलों के लिए पीडब्ल्यूडी को दिए 12,441 करोड़ रुपये
  • गांवों के संपर्क मार्गों के लिए 695 करोड़ रुपये
  • उप्र कोर रोड नेटवर्क योजना में दिए 440 करोड़ रुपये
  • उप मुख्य जिला विकास परियोजना में 208 करोड़ रुपये
  • रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 1192 करोड़ रुपये 

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