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प्रायोगिक परीक्षाओं में फंस सकता है पेंच, विद्यार्थियों की कम उपस्थिति बन रही चिंता का कारण

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते शैक्षिक सत्र 2020-21 प्रभावित जरूर हुआ है। नियमित कक्षाएं न चालू रहकर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इतना ही नहीं अन्य सुविधाओं के लिए भी विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 04:12 PM (IST)
प्रायोगिक परीक्षाओं में फंस सकता है पेंच, विद्यार्थियों की कम उपस्थिति बन रही चिंता का कारण
लखनऊ में इंटर व हाईस्कूल में तमाम विद्यालयों में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति बन रही चिंता का कारण।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते शैक्षिक सत्र 2020-21 प्रभावित जरूर हुआ है। नियमित कक्षाएं न चालू रहकर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इतना ही नहीं अन्य सुविधाओं के लिए भी विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मगर इन सब के बावजूद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अपना सारा शेड्यूल पटरी पर होने का दावा किया है। यूपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर भी विभाग का दावा है  की परीक्षाएं अपने निर्धारित कैलेंडर के अनुसार ही कराई जाएंगी। ऐसे में सबसे अहम सवाल यह है कि प्रायोगिक परीक्षाओं को विभाग कैसे कराएगा।

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अभी तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थी, मगर अब 25% से अधिक विद्यार्थी कॉलेज आने लगे हैं। दीपावली बाद बच्चों की संख्या में इजाफा होगा। प्रैक्टिकल संबंधित सारे उपकरण कॉलेज में उपलब्ध हैं।

क्या कहते हैं के राजकीय जुबली इंटर कॉलेज प्रिंसिपल

राजकीय जुबली इंटर कॉलेज प्रिंसिपल धीरेंद्र मिश्रा के मुताबिक, प्रैक्टिकल कराए जाने के संबंध में शिक्षकों के साथ बैठक भी की गई है। एक साथ विद्यार्थियों की भीड़ न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए, उन्हें शिफ्टवार बुलाया जाएगा। बोर्ड से निर्देश के बाद प्रयास किया जाएगा कि अगले एक से डेढ़ महीने के दौरान सिलेबस से जुड़ी प्रायोगिक परीक्षाएं पूरी करा ली जाए।

क्या कहते हैं जिला विद्यालय निरीक्षक

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश कुमार सिंह के मुताबिक, स्कूलों में उपस्थिति प्रतिशत बढ़ी है। दो दिन पहले हुई वर्चुअल बैठक में स्कूलों की ओर से दी गई रिपोर्ट के अनुसार कुछ स्कूलों में शत-प्रतिशत भी बच्चों की हाजिरी पाई गई। प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर कॉलेजों को तैयार रहने के लिए भी कह दिया गया है। परिषद से प्रायोगिक परीक्षाओं के संबंध में जैसे दिशा निर्देश मिलते हैं, वैसा किया जाएगा।


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