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UP बोर्ड पढ़ा रहा चोरी की रचनाएं, कॉपीराइट एक्ट के घेरे में नया पाठ्यक्रम

मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा की प्रकाशित रचनाओं पर कोर्ट ने जारी किया नोटिस। कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर परिवारीजनों ने दायर की थी याचिका।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 10:47 AM (IST)
UP बोर्ड पढ़ा रहा चोरी की रचनाएं, कॉपीराइट एक्ट के घेरे में नया पाठ्यक्रम
UP बोर्ड पढ़ा रहा चोरी की रचनाएं, कॉपीराइट एक्ट के घेरे में नया पाठ्यक्रम

लखनऊ, [संदीप पांडेय]। यूपी बोर्ड छात्रों को चोरी की रचनाएं पढ़ा रहा है। उसका नया पाठ्यक्रम कॉपी राइट एक्ट के उल्लंघन के घेरे में आ गया। मनमाने तरीके से छापी गईं कविताओं पर कवि के परिवारीजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में न्यायालय ने साक्ष्य में दम देखते हुए अफसरों को नोटिस जारी कर दिया है।

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दरअसल, सरकार ने सत्र 2018-19 में यूपी बोर्ड के सभी माध्यमिक स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया है। ऐसे में विभिन्न विषयों के तमाम चैप्टर में बदलाव हुए। लिहाजा, हिंदी में भी कई कवि व लेखकों की नई रचनाएं शामिल की गईं। वहीं, विख्यात कवि मैथलीशरण गुप्त व महादेवी वर्मा की रचनाओं पर सवाल खड़े हो गए। परिजनों व पब्लिकेशन के अधिकार प्राप्त फर्म ने बगैर अनुमति कवियों की रचनाएं प्रकाशित करने पर विरोध किया। विभागीय अफसरों के अनसुनी करने पर 28 जनवरी को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में 30 जनवरी को झांसी जिला न्यायालय ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के आधा दर्जन अफसरों को नोटिस जारी कर दिया है।

परिजनों ने प्रकाशित रचनाओं पर लाखों का मानदेय-रॉयल्टी का दावा ठोंका है। साथ ही नए शैक्षणिक सत्र की पुस्तकों में बगैर अनुमति रचनाओं के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की।

कई प्रकाशकों ने छापी पुस्तकें

मैथिली शरण गुप्त के पौत्र होने का दावा कर रहे झांसी के चिरगांव निवासी प्रमोद गुप्ता ने कहा कि बाबा की सभी रचनाओं का अधिकार सुरक्षित है। रजिस्ट्रार ऑफ कॉपी राइट नई दिल्ली में 1997 से सभी रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में बगैर अनुमति के माध्यमिक शिक्षा परिषद ने छह प्रकाशकों को रचनाएं प्रकाशित करने के निर्देश दे दिए। इसकी लाखों कॉपी छापी गईं।

महादेवी की रचनाओं का भी करार

प्रमोद गुप्ता के मुताबिक पुत्र आशीष गुप्ता के प्रोपराइटर के नाम से दर्ज फर्म से महादेवी वर्मा की रचनाओं का 1968 से एग्रीमेंट है। ऐसे में महादेवी की रचनाएं भी बगैर अनुमति प्रकाशित कर दी गईं। यह रचनाएं कक्षा नौ से 12 तक की पुस्तकों में हैं। ऐसे में सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद, निदेशक, अपर सचिव पाठ्य-पुस्तक, अपर सचिव शोध समेत अन्य को नोटिस जारी दिया गया है। 30 जनवरी को जारी नोटिस चार फरवरी को विभाग में पहुंच गया। इसको लेकर अफसरों ने कानूनी मशविरा लेना शुरू दिया। 

इन कविताओं पर दावा

मैथली शरण गुप्त : कक्षा नौ में पंचवटी, कक्षा दस में भारत माता का मंदिर यह, कक्षा 12 में साकेत रचना में से कैकेयी का अनुताप और गीत

महादेवी वर्मा : मेरा परिवार से गिल्लू, सांध्यगीत में हिमालय से, नीरजा से वर्षा सुंदरी के प्रति, सांध्य गीत से गीत-एक, दीपशिखा से गीत -दो, सांध्यगीत से गीत-तीन।


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