Move to Jagran APP

UP Board 10th, 12th Result 2021: अरसे बाद जुलाई में आया यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट

UP Board 10th 12th Result 2021 यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 का परिणाम लंबे समय बाद जुलाई में जारी किया गया है। बोर्ड के अफसरों का कहना है कि काफी पहले जुलाई में रिजल्ट आया था इस बार देरी का कारण कोरोना संक्रमण रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 09:37 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 09:37 PM (IST)
UP Board 10th, 12th Result 2021: अरसे बाद जुलाई में आया यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 का परिणाम लंबे समय बाद जुलाई में जारी किया गया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Board 10th, 12th Result 2021: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 का परिणाम लंबे समय बाद जुलाई में जारी किया गया है। बोर्ड के अफसरों का कहना है कि काफी पहले जुलाई में एक रिजल्ट आया था, इस बार देरी का कारण कोरोना संक्रमण रहा है। फार्मूला तय करने में बहुत समय लगा। इसके बाद सभी के अंक खोजने में देरी हुई। हालांकि यूपी बोर्ड इस वर्ष भी सीबीएसई से आगे निकल गया है, उसने शुक्रवार को इंटर का ही परिणाम जारी किया है, जबकि हाईस्कूल के रिजल्ट का अभी इंतजार है।

prime article banner

यूपी बोर्ड से जुड़े लोगों को याद नहीं है कि इसके पहले जुलाई माह में बोर्ड का परिणाम कब आया था। आमतौर पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम अप्रैल, मई व जून माह में ही घोषित होता आ रहा है। पहले बोर्ड दोनों परीक्षाओं का परिणाम अलग तारीखों में जारी करता रहा है, जबकि 2015 से साथ परिणाम देने का सिलसिला जारी हुआ, जो अब तक जारी है। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की पहली लहर में जैसे-तैसे कापियों का मूल्यांकन कराकर परिणाम जून के अंत में जारी कर दिया गया था।

  • परीक्षा और नतीजों की तारीख
  • वर्ष : इंटर : हाईस्कूल
  • 2010 : 27 मई : 10 जून
  • 2011 : 06 जून : 10 जून
  • 2012 : 05 जून : 08 जून
  • 2013 : 05 जून : 08 जून
  • 2014 : 25 मई : 30 मई
  • 2015 : 17 मई : 17 मई
  • 2016 : 15 मई : 15 मई
  • 2017 : 09 जून : 09 जून
  • 2018 : 29 अप्रैल : 29 अप्रैल
  • 2019 : 27 अप्रैल : 27 अप्रैल
  • 2020 : 27 जून : 27 जून

कालेजों के भेजे अंकों पर रिजल्ट रहा निर्भर : हाईस्कूल व इंटर का परिणाम कालेजों की ओर से भेजे गए अंकों पर ही निर्भर रहा। प्रधानाचार्यों ने 9वीं व 11वीं की वार्षिक और 10वीं की बोर्ड परीक्षा के अंक देने में सावधानी बरती, क्योंकि ये रिकार्ड छात्र-छात्राओं व बोर्ड के पास भी उपलब्ध थे, वहीं प्री-बोर्ड और अर्द्धवार्षिक परीक्षा में मनमाने तरीके से अंक दिए गए। दरअसल इसका अभिलेखीय साक्ष्य किसी के पास नहीं था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.