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UP Board Exam 2021 Dates: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त, जुलाई के दूसरे हफ्ते में इंटर की परीक्षा कराने की योजना

UP Board Exam 2021 Dates उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा दस की परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही सरकार ने कक्षा-12 की परीक्षा कराने की योजना भी बना ली। 6 7 8 9 व 11 के छात्रों को भी प्रोन्नत करने का निर्णय लिया

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 09:29 AM (IST)
UP Board Exam 2021 Dates: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त, जुलाई के दूसरे हफ्ते में इंटर की परीक्षा कराने की योजना
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री- माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संमक्रण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया है। सरकार ने प्रदेश में परिस्थितियां अनुकूल होने पर जुलाई के दूसरे सप्ताह से इंटरमीडिएट की परीक्षा को कराने की योजना भी बनाई है।

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प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने मंथन के बाद 2021 की हाईस्कूल की परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2021 की कक्षा दस की परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही सरकार ने कक्षा-12 की परीक्षा को कराने की योजना भी बना ली है। प्रदेश के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कहर के कारण आगे की परिस्थितियां अनुकूल होने पर वर्ष 2021 की कक्षा 12 की परीक्षा का आयोजन कराया जाएगा। इसके लिए हमने योजना तैयार की है और जुलाई के द्वितीय सप्ताह में इसका आयोजन भी प्रस्तावित है। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा अवधि को डेढ़ घंटा रखा जाएगा। इसमें परीक्षार्थियों को मात्र तीन प्रश्न का उत्तर देना पड़ेगा।

हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त, प्रोन्नत होंगे सभी छात्र-छात्राएं: डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को एक आदर्श एवं उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था देने के लिए कटिबद्ध एवं निरंतर प्रयासरत है। इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली हुई महामारी के कारण उत्पन्न इस असाधारण परिस्थितियां में सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में व्यापक छात्र हित तथा जनहित में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की कक्षा10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से 29,94,312 बच्चों को बड़े संकट में फंसने से मुक्ति मिलेगी। कक्षा 10 के बच्चों के कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत दिशा निर्देश तैयार करने का निर्देश भी उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को दिया गया है।

कक्षा 12 की परीक्षा आयोजित कराई जाएगी: डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कक्षा 12 की परीक्षा के महत्व तथा छात्रों के भविष्य पर इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकों की भूमिका के कारण ही सभी सभी सावधानियों को बरतते हुए तथा कोविड-19 महामारी से बचाव के सभी नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनुकूल परिस्थितियों के रहते हुए 2021 की माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट की परीक्षा को जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कराने की प्रदेश सरकार ने योजना भी बना ली है। इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र ही साझा की जाएगा। पूर्व के भांति इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में परीक्षा संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र के किन्ही दस में से सिर्फ तीन का ही उत्तर देना होगा। बच्चों के मध्य फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। इसके साथ ही सभी परीक्षा केंद्रों को लगातार सैनिटाइज भी किया जाएगा।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।

छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि: उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वपूर्ण निर्णय की शनिवार को घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है, इसके साथ ही सरकार उनके पठन-पाठन की भी व्यवस्था कर रही है। हमने बेसिक के साथ ही अन्य क्लास के भी बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का इंतजाम किया है। सरकार अब हाईस्कूल के 29,94312 बच्चों को कक्षा 11 में प्रोन्नत करने की प्रक्रिया में लगी है। शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस बड़े अभियान में लगे हैं। इसके साथ ही हम लोग इंटर के 26,30,216 छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए उनकी परीक्षा कराने पर तैयार हैं। इनको आगे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अलग-अलग विधा का चयन करना होगा, इसी कारण इनकी परीक्षा जरूरी है। हम परीक्षा में भी इनको पांच के स्थान पर तीन ही प्रश्न करने के लिए देंगे। परीक्षा का समय भी मात्र डेढ़ घंटा का ही होगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर सैनिटाइजेशन होगा और शारीरिक दूरी का भी पूरा इंतजाम किया जाएगा।

छात्र-छात्राओं के हित में निरंतर काम: उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, निरंतर छात्र-छात्राओं हित में कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने 2020 के जुलाई माह में ही करोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान से पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन शिक्षण के साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई- विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाए। जिससे प्रदेश में पठन-पाठन का माहौल बना रहा।

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प्रोन्नत होंगे कक्षा छह से 11 तक के सभी छात्र-छात्राएं: सरकार ने इसके साथ ही समस्त बोर्ड के सभी स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 के छात्रों को भी प्रोन्नत करने का भी निर्णय कर लिया है। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कक्षा 6, 7 ,8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए। कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिकपरीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वाॢषक परीक्षा अभी तक संपादित नहीं हो पाई है तो वह छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए। यदि बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों पर लागू होगी। इन सभी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक को इसके नियमित अनुश्रवण एवं अनुपालन का दायित्व सौंपा गया है। यदि किसी विद्यालय ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो अभिभावक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष शिकायत करने को स्वतंत्र हैं।


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