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UP Board Exam 2020 :STF की निगरानी में होंगी परीक्षा, लाइव वेबकास्ट से केंद्रों पर पैनी नजर

UP Board Exam 2020 परीक्षा में 7784 केंद्रों पर 56 लाख विद्यार्थियों पर लाइव वेब कास्ट के जरिये नजर रखी जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:31 AM (IST)
UP Board Exam 2020 :STF की निगरानी में होंगी परीक्षा, लाइव वेबकास्ट से केंद्रों पर पैनी नजर
UP Board Exam 2020 :STF की निगरानी में होंगी परीक्षा, लाइव वेबकास्ट से केंद्रों पर पैनी नजर

लखनऊ, जेएनएन। UP Board Exam 2020 : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2020 की परीक्षा मंगलवार से शुरू हो रही है। परीक्षा में 7784 केंद्रों पर 56 लाख विद्यार्थियों पर लाइव वेब कास्ट के जरिये नजर रखी जाएगी। जिला कंट्रोल रूम के साथ-साथ राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम व मानीटरिंग सेल भी लगातार नजर रखेगा।

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राजधानी लखनऊ के पार्क रोड पर स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में स्थापित किए गए इस कंट्रोल रूम की तैयारियां परखी गईं। यहां मंडल व जिले के अनुसार अलग-अलग डेस्क बनाई गई है। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने खुद परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय सहित बड़े अधिकारी भी औचक निरीक्षण करेंगे।

परीक्षार्थी कंट्रोल रूम में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-180-6607 व 05222239198 व ईमेल आइडी boardexam2020up@gmail.com पर शिकायत दर्ज करवाने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों का 24 घंटे में निस्तारण होगा। वहीं टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-180-5310 व 1800-180-5312 पर सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक गणित, विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी इत्यादि विषयों के शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।

परीक्षा पर रहेगी एसटीएफ की भी कड़ी नजर

बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल कराने वाला कोई संगठित गिरोह सक्रिय न हो सके, इसके लिए एसटीएफ का कड़ा पहरा होगा। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बोर्ड परीक्षा के दौरान एसटीएफ को पूरी सतर्कता बरतने के साथ ही परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त किए जाने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर संभावित भीड़ व परिस्थितियों को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल लगाया जाए। परीक्षा समाप्त होने तक किसी भी अभ्यर्थी/प्रश्नपत्र को परीक्षा केंद्र से बाहर न आने दिया जाए। पुलिस अधिकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ पूरा समन्वय रखें। कहीं ट्रैफिक जाम की स्थिति न उत्पन्न हो। साथ ही परीक्षा केंद्रों के आसपास भी पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। परीक्षा केंद्रों के बाहर वाहन न इकट्ठा हों। डीजीपी ने कहा कि परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रमुख चौराहों, बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर भी पूरी सतर्कता व मुस्तैदी बरती जाए। परीक्षा केंद्रों के आसपास 112 के वाहनों से पेट्रोलिंग भी कराई जाए।

राजकीय शिक्षक अब नहीं करेंगे परीक्षा का बहिष्कार

राजकीय स्कूलों के शिक्षक अब यूपी बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार नहीं करेंगे। बीते करीब पांच महीने से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत चलने वाले राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों के करीब चार हजार शिक्षकों को वेतन न मिलने के विरोध में उन्होंने बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार करने की घोषणा की थी। फिलहाल अब वह बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करेंगे। सोमवार को प्रमुख सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला द्वारा राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना से वार्ता की और आश्वासन दिया कि मंगलवार की शाम तक शिक्षकों को वेतन दे दिया जाएगा। अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना ने बताया कि इसके बाद सभी 15 हजार राजकीय शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार वापस ले लिया।

परीक्षा के दौरान गांव तक में बनी रहेगी बिजली

बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर गांव तक में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। पावर कारपोरेशन प्रबंधन, परीक्षाओं के दौरान गांव में बिजली सुनिश्चित करेगा। परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्रों वाले क्षेत्र के साथ ही गांव में रातभर बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था कारपोरेशन प्रबंधन ने की है। कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि सुबह और शाम की पाली में होने वाली परीक्षा के वक्त बिजली की कटौती नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं रातभर गांव में भी बिजली बनी रहेगी। बड़े शहरों से लेकर तहसील मुख्यालय तक के कस्बों में पहले से ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है। सिर्फ गांव में ही छह घंटे की कटौती होने से अब तक गांवों को 18 घंटे ही बिजली मिल रही थी। कारपोरेशन के अभियंताओं का कहना है कि बिजली की उपलब्धता का कोई संकट नहीं है। वर्तमान में बिजली की मांग औसतन 15 हजार मेगावाट है, जबकि इससे कहीं अधिक बिजली उपलब्ध है।


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