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UP Board Result 2019 : उलटी गिनती शुरू, 18 से 20 अप्रैल तक आएगा परिणाम

UP Board result 2019 यूपी बोर्ड के परिणाम आने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। वर्ष 2018 में 29 अप्रैल को आ गया था। इस बार का परिणाम भी 18 से 20 अप्रैल तक आने की संभावना है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 02:43 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 09:58 AM (IST)
UP Board Result 2019 : उलटी गिनती शुरू, 18 से 20 अप्रैल तक आएगा परिणाम
UP Board Result 2019 : उलटी गिनती शुरू, 18 से 20 अप्रैल तक आएगा परिणाम

लखनऊ, जेएनएन। विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा में शामिल यूपी बोर्ड के परिणाम आने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। वर्ष 2018 में 29 अप्रैल को आ गया था। इस बार का परिणाम भी 18 से 20 अप्रैल तक आने की संभावना है।

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लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान के कारण अभी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर के परिणाम जारी करने की तारीख में विलंब हो रहा है। इस संबंध में बोर्ड प्रशासन शासन को प्रस्ताव भेज चुका है, वहां से निर्देश मिलते ही तारीख का एलान किया जाएगा। देरी की असली वजह लोकसभा चुनाव है। इसमें क्षेत्रीय कार्यालयों बरेली, मेरठ, वाराणसी आदि के अपर सचिवों व अन्य कर्मियों की ड्यूटी लगी है। रिजल्ट के समय आमतौर पर सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव उपस्थित रहते हैं, यही नहीं परिणाम को अंतिम रूप देने के लिए वे बोर्ड सचिव की अगुवाई में रिजल्ट बना रही संस्था के यहां जाते हैं।

इन अफसरों के जाने के एक सप्ताह में परिणाम आता रहा है। अब तक चुनाव के कारण अफसरों का यह कार्यक्रम तय नहीं हो पा रहा है। संभव है कि अगले सप्ताह तारीख का एलान करने के बाद अफसर रिजल्ट को अंतिम रूप दिलाने निकलेंगे। 10वीं और 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ऑफिशियल वेबसाइट upmsp.edu.in पर जारी किया जाएगा।

10वीं और 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। यूपी बोर्ड हाईस्कूल में इस बार 31,95,603 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे जबकि 26,11,319 परीक्षार्थियों ने इंटर में नामांकन कराया था। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होकर 28 फरवरी 2019 को खत्म हो गई थी।

UP Board Result 2019 ऐसे कर पाएंगे चेक

  • रिजल्ट चेक करने के लिए वेबसाइट upmsp.edu.in पर जाना होगा।
  • वेबसाइट पर दिए गए रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करना होगा।
  • अपना रोल नंबर सबमिट करना होगा।
  • अब आप रिजल्ट देख पाएंगे।
  • आप अपने रिजल्ट का प्रिंट ऑउट ले सकते हैं।

यूपी बोर्ड में दूसरे वर्ष रिजल्ट के समय विवाद

यूपी बोर्ड जैसी अहम संस्था की साख सवालों के घेरे में है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा यहां का वार्षिक आयोजन है। 1990 के उस दौर में जब सबसे कम परीक्षाफल आया या फिर रिजल्ट अस्सी प्रतिशत से अधिक पहुंचा, परिणाम जारी होने से पहले कोई उसका अंदाजा तक नहीं लगा सका। परिणाम को लेकर गोपनीयता कभी भंग नहीं हो पाई। इधर, दो वर्ष से लगातार गोपनीयता तार-तार हो रही है। यूपी बोर्ड ने पिछले वर्ष 2018 का रिजल्ट 29 अप्रैल को जारी किया। बोर्ड के अफसरों ने जैसे ही हाईस्कूल व इंटर के सफल छात्र-छात्राओं का प्रतिशत बताया, सब अवाक रह गए। वजह यह थी कि इम्तिहान के दौरान जिस तरह सख्ती बरती गई और परीक्षार्थियों ने रिकॉर्ड संख्या में परीक्षा छोड़ी थी, उससे किसी को यह अनुमान नहीं था कि रिजल्ट इतना भी हो सकता है। दूसरे ही दिन से सोशल मीडिया पर पहले परिणाम पर गंभीर सवाल हुए, फिर कुछ लोगों ने एवार्ड ब्लैंक (वह पेपर जिस पर कॉपी में मिले अंक दर्ज किए जाते हैं) को वायरल किया।

एक एवार्ड ब्लैंक आने के बाद सिलसिला चल पड़ा। चौंकाने वाली बात यह थी एवार्ड ब्लैंक के साथ ही सोशल मीडिया पर अंक पत्र भी जारी हुए। जिन्हें देखकर यह स्पष्ट हो रहा था कि फलां छात्र-छात्रा को काफी कम अंक मिले हैं लेकिन, अंक पत्र में अधिक अंक दर्ज कर दिए गए हैं। इस मामले में बोर्ड प्रशासन मौन रहा। यह जरूर है कि एवार्ड ब्लैंक किसने वायरल किया उसकी खोज की गई और दो शिक्षक चिन्हित हुए, जिन्हें मूल्यांकन कार्य से आजीवन डिबार कर दिया गया। इसके बाद भी यह सवाल अब तक बरकरार है कि एवार्ड ब्लैंक व अंक पत्र पर मिले नंबर में अंतर की वजह क्या है।

पिछले साल के प्रकरण पर बोर्ड प्रशासन बैकफुट पर रहा। इसीलिए इस बार फिर बोर्ड की साख चौपट करने के लिए रिजल्ट आने से पहले ही अंक बढ़वाने के लिए सीधे छात्र-छात्राओं व अभिभावकों तक अज्ञात लोगों के फोन पहुंच रहे हैं। ताज्जुब यह है कि छात्र-छात्राओं के मोबाइल नंबर भी गोपनीय रहते हैं, यह सिर्फ स्कूलों से भेजने और बोर्ड में उसे रिसीव करने वालों के पास ही यह नंबर है, फिर उनका लीक होना खासा अहम है। भले ही बोर्ड सचिव ने इसकी शिकायत पुलिस महानिरीक्षक से की है लेकिन, उसे विभागीय जांच भी करानी चाहिए। इसमें बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है। 

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