यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने रामरथ यात्रा का किया स्वागत, कहा- आस्था का केंद्र बनेगा अयोध्या में श्रीराम मंदिर
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण होना सदियों के संघर्ष व रामभक्तों की आस्था और मनोकामना पूरी होने का प्रतीक है। पीएम मोदी की उपस्थिति में शिलापूजन के साथ ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश भारतीय जानता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण होना सदियों के संघर्ष व रामभक्तों की आस्था और मनोकामना पूरी होने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए शिलापूजन के साथ ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भगवान श्रीराम का यह मंदिर पूरे विश्व की आस्था का केंद्र होगा।
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय पर रामेश्वर से शुरू हुई रामरथ यात्रा का स्वागत करते हुए यह विचार रखे। यात्रा का नेतृत्व राजलक्ष्मी मंडा कर रही हैं, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को शुरू हुई और सात अक्टूबर को अयोध्या में समापन होगा। समापन अवसर पर यात्रा के आयोजकों द्वारा 613 किलो का घंटा भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाएगा।
बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के साथ भगवान राम के भक्त और भाजपा सदस्यों ने इस बार दक्षिणी भारत के पवित्र शहर रामेश्वरम से अयोध्या तक रामरथ यात्रा की शुरू की है। 17 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर रथ यात्रा को रवाना किया गया। यह रथ यात्रा अपने साथ पीतल का घंटा लेकर अयोध्या जा रहा है, जिसका वजन लगभग 613 किलोग्राम है। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर के लिए इसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान की मूर्तियां भी हैं।
बता दें इस रामरथ यात्रा को दक्षिण क्षेत्र के भाजपा चुनाव प्रभारी नैनार नागेंद्रन, रामनाथपुरम के जिला अध्यक्ष मुरलीधरन ने 17 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह यात्रा अयोध्या पहुंचने से पहले तमिलनाडु और अन्य राज्यों के विभिन्न शहरों से भी होकर गुजरी।
हिंदू पौराणिक कथाओं में रामेश्वरम शहर का एक विशेष महत्व है। यह वह स्थान है जहां से भगवान राम और उनकी वानर सेना ने पुल का निर्माण शुरू किया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप को श्रीलंका के द्वीप से जोड़ता था। पवित्र स्थल रामेश्वरम में भगवान राम ने पूजा अर्चना और अन्य अनुष्ठान किए थे। इसका एक अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच एक भौगोलिक लिंक के रूप में भी इसे जाना जाता है।