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यूपी भाजपा में संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया तेज, अब जिलों में भी केवल एक ही पद रख सकेंगे नेता

UP BJP Organization Reorganization Process आत्मनिर्भर भारत अभियान की समाप्ति के साथ ही उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया तेज हो गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 12:10 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:13 AM (IST)
यूपी भाजपा में संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया तेज, अब जिलों में भी केवल एक ही पद रख सकेंगे नेता
यूपी भाजपा में संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया तेज, अब जिलों में भी केवल एक ही पद रख सकेंगे नेता

लखनऊ, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत अभियान की समाप्ति के साथ ही उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन की पुनर्गठन प्रक्रिया तेज हो गई है। जिलों में एक से अधिक पदों पर कुंडली जमाये बैठे नेता अब केवल एक ही पद का दायित्व ही संभालेंगे। जिलों से ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची मंगायी गई है तो संगठन के साथ सरकार के विभिन्न विभागों में नामित किए जा चुके है। नेतृत्व के इस फरमान से कई पदों का लुत्फ ले रहे भाजपाइयों में बेचैनी है। वहीं, अधिकतर कार्यकर्ताओं को अपना भी समायोजन होने की उम्मीद भी जगी है।

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उल्लेखनीय है कि संगठन में एक व्यक्ति एक पद फार्मूले पर सख्ती से अमल होने के कारण ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन लंबित चल रहा था लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद जल्द ही पदाधिकारियों की घोषणा होने की संभावना है। प्रदेश संगठन की तरह क्षेत्र व जिलों में भी एक व्यक्ति एक पद नियम लागू किया जाएगा।

बता दें कि जिलों में कमेटियां गठित होने के बाद से विभिन्न स्थानों से शिकायतें मिल रही थी कि कुछ स्थानीय पदाधिकारियों ने एक से अधिक पद हासिल कर लिए है, जिससे संगठन में असंतोष बढ़ रहा है। महामंत्री व अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पाने के साथ नगरीय निकायों व अन्य संस्थाओं में भी सदस्य नामित हो गए है।

अधिकतम कार्यकर्ताओं का समायोजन : मौजूदा पदाधिकारियों की टीम के जरिए आगामी त्रिस्तरीय पंचायत व विधानसभा चुनाव भी लड़े जाएंगे। ऐसे मेें नेतृत्व अधिकतम कार्यकर्ताओं को समायोजित करना चाहता है ताकि सामाजिक समीकरण को साधा जा सके। पंचायत चुनाव के लिए बनी कमेटी में केवल उन कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है जो न तो खुद चुनाव लड़ेंगे और न ही उनके परिजन मैदान में उतरेंगे। इसी क्रम में संगठन मेें केवल उनको ही अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी जो पूर्णकालिक तरीके से कार्य में जुटे रहेंगे। माना जा रहा है कि दो पदों पर आसीन कार्यकर्ता संगठन के प्रति न्याय नहीं कर पाता। पार्टी के निष्ठावान कार्यर्कर्ताओंं के साथ अन्य दलों से आए नेताओं को भी उचित सम्मान देने की तैयारी है।


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